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बछ बारस पर्व पर की गाय के बछड़ों की पूजा

locationअलीराजपुरPublished: Sep 07, 2018 10:03:37 pm

परिक्रमा लगाई, मक्का से बना भोजन किया ग्रहण

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बछ बारस पर्व पर की गाय के बछड़ों की पूजा

लीराजआपुर. बछ बारस पर्व शुक्रवार को महिलाओं द्वारा श्रद्धा के साथ मनाया गया। पर्व पर गाय के बछड़ों का विधि-विधान पूर्वक पूजन किया गया तथा तथा घास व अन्य सामग्री बछड़ों को खिलाई गई। इस दिन हिन्दूओं के घरों में चाकू आदि का उपयोग निषेध रहता है। इस पर्व पर अनेक घरों में मक्का से बना भोजन ग्रहण कर पर्व की परंपरा का निर्वहन किया गया। पर्व को लेकर ब्राम्हण व माहेश्वरी समाज की महिलाओं में उत्साह देखा गया।
परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की : पर्व को लेकर स्थानीय नीम चौक स्थित श्रीलक्ष्मी नृसिंह मंदिर प्रांगण व अन्य स्थानों पर गाय के बछड़ों को पूजन के लिए बांधा गया। अनेक समाजों की महिलाओं ने नवीन वस्त्र धारण कर गाय के बछड़ों का विधि-विधान पूर्वक पूजन करने के बाद उन्हें चारा-धान आदि खिलाया तथा परिवार के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। मंदिर परिसर में बछ बारस पूजन का सिलसिला दोपहर करीब 12 बजे तक चलता रहा। इस दौरान सैकड़ोंं श्रद्धालु महिलाओं ने पूजन किया। वहीं श्रीलक्ष्मी नृसिंह मंदिर में पर्व से संबंधित कथा उपस्थित महिलाओं को सुनाई गई।
खट्टाली में भी मना पर्व
बछ बारस के पर्व को ग्राम खट्टाली में भी मनाया गया। महिलाओं ने स्थानीय चारभुजा मंदिर पर गाय की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की। बछ बारस पर्व के दौरान अनेक स्थानों पर भजनों के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
विद्यार्थी को सभ्य इंसान बनाते हैं गुरु
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर आदिवासी समाज महिला मंडल ने शिक्षकों के सम्मान के लिए स्थानीय सहयोग गार्डन में जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित कर जिले के चयनित सेवानिवृत्त एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा योगदान एवं अतुल्य कार्य के लिए शिक्षकों को मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अनिता नागरसिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष अजाक्स के नितेश अलावा एवं मप्र राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राजेश वाघेला की उपस्तिथि में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें जिले के सेवानिवृत्त शिक्षकों सहित 30 शिक्षकों को शाल, श्रीफल एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों के द्वारा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन एवं मां सरस्वति के चित्र पर माल्र्यापण तथा दीप प्रज्जवलित कर किया। स्वागत भाषण आदिवासी महिला मंडल की अध्यक्ष प्रीतिबाला डावर ने दिया। इस अवसर पर जिपं अध्यक्ष अनिता चौहान ने कहा कि आदिवासी महिला मंडल द्वारा आज शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित कर एक नेक एवं सराहनीय कार्य की शुरुआत की है । सम्मान तो सभी समाज के लोग अपने-अपने कार्यक्रम आयोजित कर करते हंै परन्तु आप लोगों के द्वारा सभी समाज के सेवानिवृत्त एवं उत्कृष्ट गुरुओं को चयनित कर आपके द्वारा सम्मान किया गया है। जो कि एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि गुरू समाज विशेष का नहीं होता है और ना ही गुरु विद्यार्थी से भेदभाव करते हैं। गुरू उन्हें एक सभ्य इंसान बनाते हैं। अतिथि नितेश अलावा ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षकों के अलग-अलग नाम देकर संबोधित किया जा रहा है, जिससे शिक्षक वर्ग में वर्ग भेद महसूस करता है। शिक्षक पद में समानता होना चाहिए। राजेश वाघेला ने महिला मंडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप लोगों के संगठन के सहयोग के लिए तन-मन धन से सहयोग करूंगा । आपके द्वारा बहुत ही सुन्दर पहल की है। आदिवासी कर्मचारी अधिकारी संगठन (आकास) के जिला महासचिव भंगूसिंह तोमर, रतनसिंह राही, निर्मला माहेश्वरी, दयाराम पटोदे, रणजीतसिंह चौहान, अशोक बिश्या, अनिता चौधरी एवं डाइट आलीराजपुर के व्याख्याता भारतसिंह मौर्य ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर आदिवासी महिला मंडल की उपाध्यक्ष गुलाबी तोमर, कोषाध्यक्ष संगीता चौहान, जिला प्रतिनिधि सदस्य विद्या डोडवे, कार्यकारिणी सदस्य शीला ओहरिया, प्रेमलता भंवर, रेशम भंबर, संजू रावत, अनिता जेलसिंह चौहान, मनीषा बागोले सहित गणमान्य नागरिक एवं छात्र उपस्थित थे। संचालन कार्यकारिणी अध्यक्ष ऋषिका वसावा एवं सुषमा जमरा ने किया । आभार महिला मंडल की मीडिया प्रभारी बिरज चौहान ने माना।
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