पर्व पर अति प्राचीन परंपरानुसार मंदिरों से डोल निकाले गए, जो नरसिंह मंदिर पर एकत्रित होकर सामूहिक रूप से त्रिवेणी संगम पंचेश्वर नदी पर पहुंचे, यहां पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान को नदी में झूला झूलाने के साथ ही गगनभेदी जयकारे लगाए तथा इस दौरान विशेष तौर पर भगवान को केले व ककड़ी का भोग लगाया।
भगवान को जल में डुबोकर झुलाया
नगर भ्रमण करने के पश्चात सभी डोल पंचेश्वर मंदिर स्थित त्रिवेणी संगम पर पहुंचे, जहांं डोल में विराजित भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को जल में डुबोकर श्रद्धालुओं द्वारा झुलाया गया। पश्चात भगवान के डोल की महाआरती उतार कर प्रसादी का वितरण किया गया। इसके बाद सभी डोल पुन: अपने-अपने मंदिरों के रवाना हुए।
भगवान को जल में डुबोकर झुलाया
नगर भ्रमण करने के पश्चात सभी डोल पंचेश्वर मंदिर स्थित त्रिवेणी संगम पर पहुंचे, जहांं डोल में विराजित भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को जल में डुबोकर श्रद्धालुओं द्वारा झुलाया गया। पश्चात भगवान के डोल की महाआरती उतार कर प्रसादी का वितरण किया गया। इसके बाद सभी डोल पुन: अपने-अपने मंदिरों के रवाना हुए।
डोल को उठाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची
नगर से करीब शाम 6 बजे रामदेवजी मंदिर, श्रीराम मंदिर, श्री लक्ष्मीनृसिंह मंदिर एवंं रणछोडऱायजी मंदिर से डोल निकाले गए, डोल में शामिल श्रद्धालुगण नंद के घर आनंद भयों जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की, जय रणछोड़ माखन चोर आदि सहित अनेक जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। समारोह में शामिल सभी डोल नगर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण कर नीमचौक स्थित नरसिंह मंदिर पर एकत्र हुए, यहां से सभी डोल कतारबद्व होकर भव्य शोभायात्रा के रूप में बैंडबाजों और ढोल डमाकों के साथ पंचेश्वर महादेव मंदिर स्थित त्रिवेणी संगम पर पहुंचे। डोल में विराजित भगवान श्रीकृष्ण के बाल मनोहारी रूप को देखने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही।
वल्लभ भवन में सात दिनों तक बहेगी धर्म की गंगा
स्थानीय हरसोला वणिक समाज द्वारा बुधवार से श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ समाज के वल्लभ भवन में किया गया। इस अवसर पर नीम चौक से समाज भवन तक एक चल समारोह निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के पुरुष व महिलाओं ने सहभागिता की। समाज अध्यक्ष राजेन्द्र मोदी ने बताया, बुधवार से प्रारंभ हुई कथा सात दिनों तक चलेगी। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम होंगे। कथा का वाचन वृंदावन धाम जतिपुरा से आए पंडित रवि शास्त्री द्वारा किया जा रहा है। कथा का समय दोपहर 1 से शाम ६ बजे तक रहेगा।
नगर से करीब शाम 6 बजे रामदेवजी मंदिर, श्रीराम मंदिर, श्री लक्ष्मीनृसिंह मंदिर एवंं रणछोडऱायजी मंदिर से डोल निकाले गए, डोल में शामिल श्रद्धालुगण नंद के घर आनंद भयों जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की, जय रणछोड़ माखन चोर आदि सहित अनेक जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। समारोह में शामिल सभी डोल नगर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण कर नीमचौक स्थित नरसिंह मंदिर पर एकत्र हुए, यहां से सभी डोल कतारबद्व होकर भव्य शोभायात्रा के रूप में बैंडबाजों और ढोल डमाकों के साथ पंचेश्वर महादेव मंदिर स्थित त्रिवेणी संगम पर पहुंचे। डोल में विराजित भगवान श्रीकृष्ण के बाल मनोहारी रूप को देखने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही।
वल्लभ भवन में सात दिनों तक बहेगी धर्म की गंगा
स्थानीय हरसोला वणिक समाज द्वारा बुधवार से श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ समाज के वल्लभ भवन में किया गया। इस अवसर पर नीम चौक से समाज भवन तक एक चल समारोह निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के पुरुष व महिलाओं ने सहभागिता की। समाज अध्यक्ष राजेन्द्र मोदी ने बताया, बुधवार से प्रारंभ हुई कथा सात दिनों तक चलेगी। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम होंगे। कथा का वाचन वृंदावन धाम जतिपुरा से आए पंडित रवि शास्त्री द्वारा किया जा रहा है। कथा का समय दोपहर 1 से शाम ६ बजे तक रहेगा।