scriptपूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के भ्रष्टाचार प्रकरण में 2 पुलिस अधीक्षक, 3 विवेचक तलब | 2 SP and 3 Investigation Officer Summoned in Rakesh Dhar Tripathi Case | Patrika News

पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के भ्रष्टाचार प्रकरण में 2 पुलिस अधीक्षक, 3 विवेचक तलब

locationप्रयागराजPublished: May 15, 2019 11:01:43 am

एमपी एमएलए कोर्ट ने छह जून को सभी को अदालत में पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

Rakeshdhar Tripathi

राकेशधर त्रिपाठी

प्रयागराज. आय से ज़्यादा संपत्ति रखने के मामले में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के विरुद्ध खुली जांच के बाद दोषी पाए जाने पर 18 जून 2013 को मुट्ठीगंज थाने में दर्ज मुकद्दमा के मामले में दो विवेचक द्वारा दोषी ठहराने तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा अग्रसारण करने तथा तीसरे विवेचक द्वारा दोष मुक्त करने और एसपी द्वारा अग्रसारण करने को विशेष जज एमपी एमएलए पवन तिवारी ने गम्भीरता से लेते हुते सभी को 6 जून को अदालत में पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है । साथ ही ये भी कहा है कि क्यों न विरोधाभासी तथ्यों को प्रस्तुत करने के लिए उनके विरुद्ध मुकद्दमा दर्ज कर विधि संगत कार्यवाही की जाय।
प्रस्तुत प्रकरण में एफ आई आर के बाद सतकर्ता अधिष्ठान के निरीक्षक भारत रत्न वाष्र्णेय ने विवेवचना शुरू की। उनके सेवा से रिटायर होने के बाद प्रकाश सिंह द्वारा विवेचना पूरी की गई और राकेश धर त्रिपाठी के विरुद्ध आरोप पत्र 14 मार्च 2016 को लगाया। जिसपर पुलिस अधीक्षक राम पाल गौतम ने 16 मार्च को अग्रसारित किया। 12 अप्रैल 2016 को विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण वाराणसी ने संज्ञान लिया और राकेशधर ने 14 नवम्बर को समर्पण किया और जेल भेजे गए। 18 जनवरी 2017 को उनकी जमानत उच्च न्यायालय से स्वीकार हुई। मामला विशेष जज एमपी एम एल ए कोर्ट में डिस्चार्ज/चार्ज पर सुनवाई पर था कि निरीक्षक हवलदार सिंह यादव ने एक प्रार्थना पत्र 30 मार्च 2019 को देकर कहा कि आरोपी की ओर से एक प्रार्थना पत्र देकर पुनः विवेचना की मांग की गई थी। जिसमे आरोपी के विरुद्ध कोई अपराध का साबित होना नहीं पाया गया उक्त रिपोर्ट को पुलिस अधीक्षक शैलेश यादव द्वारा अग्रसारित की थी।
प्रस्तुत प्रकरण भारतीय अर्थव्यस्था से सम्बंधित गम्भीर प्रकरण होते हुए आरोप पत्र लगने के बाद पुनः विवेचना में विपरीत मत दिया जाना दो अलग अलग मत को देखते हुए न्यायालय ने तीनों विवेचक तथा दोनों एसपी को 6 जून को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। तथा इसी के साथ ही आदेश की प्रति निदेशक उत्तर प्रदेश सतकर्ता अनुष्ठान लखनऊ तथा प्रमुख सचिव गृह को भेजे जाने का भी आदेश किया है।
By Court Correspondence

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