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DIGITAL INDIA: इलाहाबाद हाईकोर्ट के 25 लाख मुकदमे हुए डिजिटलाइज्ड

locationप्रयागराजPublished: Mar 12, 2018 11:52:08 pm

दो साल में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 25 लाख मुकदमों का कर दिया डिजिटाइजेशन।

Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद. देश में सूचना तकनीकी से लैश इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की फाइलों के डिजिटाइजेशन का काम युद्ध स्तर पर जारी है। पिछले दो साल में लगभग पच्चीस लाख फाइलें डिजिटाइज्ड हो चुकी है। योजना की शुरुआत करते हुए तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा था कि शीघ्र ही लोगों को पत्रावली व कोर्ट आदेशों की प्रमाणित प्रतियाँ आन लाइन मिल सकेंगी। एक सराहनीय प्रयास स्टाक होल्डिंग कार्पोरेशन लिमिटेड कंपनी व न्यायालय प्रशासन की अनिर्णय की स्थित के चलते परेशानियों का सबब बनता जा रहा है।
1868 से 2015 तक की निर्णीत मुकदमों की फाइलों को हाईकोर्ट परिसर में स्थित सेन्टर में मंगा लिया गया है। यह कार्य तीन न्यायाधीशों की कमेटी निगरानी में हो रहा है। 25 लाख फाइलों को डिजिटाज्ड किये जाने के बावजूद उसे आन लाइन नहीं किया जा सका है। सेन्टर में गयी फाइलांे के आदेश की प्रति लेने की हजारों अर्जियां न्यायालय प्रशासन के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। आये दिन वकीलों व हाईकोर्ट कार्यालय कर्मियों के बीच बेवजह विवाद होने पर स्थित तनावपूर्ण हो रही है।

डिजिटाइजेशन सेन्टर की हालत ऐसी हो गई है कि चारों तरफ फाइलों का अम्बार लगा हुआ है। स्कैन हो चुकी फाइलें भी आनलाइन न होने के कारण वहीं पड़ी है। नयी निर्णीत मुकदमों की फाइलांे को भी सेन्टर में लगातार भेजने का सिलसिला जारी है। स्कैन हो चुकी फाइलें नष्ट करने का आदेश जारी किया गया है किन्तु निर्णय नहीं लेने से अमल नहीं हो पा रहा है। इसमें पेच यह है कि स्कैन फाइलों को आनलाइन करने के बाद सत्यापन किये बगैर मूल फाइलेें अगर नष्ट कर दी गयी तो गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है।
इसी बीच सी.आई.एस. सिस्टम लागू करने की हाईकोर्ट की योजना में तेजी लायी जा रही है जिससे वकीलों और वादकारियों को कोई परेशानी न हो। चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले सीआईएस सिस्टम को ठीक प्रकार से लागू करने को लेकर खुद मानीटरिंग करते हैं। किसी भी वकील की इस संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर उसका तत्काल समाधान किया जा रहा है।
by Court Correspondence

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