संगम की रेती पर राम नाम की धुन गूंजने लगी है।सत्संग शुरू हो चुके हैं । संत महंत श्री महंत पीठाधीश्वर आचार्य का डेरा बस गया है। अखाड़ों की भव्यता स्वरूप ले चुकी है। दूरदराज से आए संतों के दर्शन के लिए लोगों की आवाजाही शुरू हो है। मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर भगवान सूर्य नारायण की पहली किरण के साथ हजारों की तादात में भक्त डुबकी लगा रहे हैं ।संगम नोज से लेकर अन्य घाटों तक श्रद्धालुओं का रेला दिख रहा है।अचंभित करने वाली भीड़ पवित्र धारा में डुबकी लगाने की बेताबी से घाट की ओर खीचें आ रहे है ।
कुंभ मेले के मद्देनजर संगम नगरी में व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पहली बार मेला 32 सौ हेक्टेयर में बसाया गया है जिसको रोशन करने के लिए हजारों की तादात में लाइटे लगाई गई है। संगम सहित बीस घाटों पर स्नान चल रहा है ।कई महीनों से चल रही कुंभ की तैयारी मकर संक्रांति पर शाही स्नान से पहले प्रशासन की तैयारियों का इंतहान भी है। आधी रात से ही मेले में चार पहिया वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया गया है । शहर के अंदर से आने वाली गाड़ियों को मेला क्षेत्र के बाहर बनाई गई पार्किंग में रोका जा रहा है।