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माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ पूरा हुआ कल्पवास , संगम की रेती से विदा हुए श्रद्धालु

locationप्रयागराजPublished: Feb 09, 2020 06:28:18 pm

पौष पूर्णिमा से शुरू मेला माघी पूर्णिमा को समापन

A month Kalpavas in Prayagraj completed

माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ पूरा हुआ कल्पवास , संगम की रेती से विदा हुए श्रद्धालु

प्रयागराज। संगम के तट पर माघ मेले के पांचवें प्रमुख स्नान पर्व पर आस्था की डुबकी लगा कल्पवासी संगम क्षेत्र से विदा होने लगे। दुनियां भर में आस्था के आकर्षण का केंद्र माघ मेला फिर वीरान होने लगा। एक माह तक अद्भुत नगरी में हर कोई अपनी मनोकामना लिए माँ गंगा यमुना और सरस्वती की पावन धारा में आस्था के साथ दान कर अपने जन्म जन्मांतर को बनाने की आस में आता है ।

माघी पूर्णिमा पर स्नान दान के संकल्प को पूरा कर फिर त्रिवेणी की धरती पर आने के वादे के साथ श्रधालुओं का रेला अपने घरो को जाने लगा । कल्पवासियों की विदाई का सिलसिला सुबह से शुरू हुआ जो लगातार जारी रहा। संगम के तट पर कल्पवास के आखिरी स्नान पर्व जमकर भीड़ उमड़ी। मेला प्रशासन ने 25 लाख श्रधालुओं के आगमन की संभावना जताई थी। लेकिन उससे ज्यादा श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आधे दिन में ही पंहुच गये । दोपहर चार बजे तक चौबीस लाख ज्यादा श्रधालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई ।

माघी पूर्णिमा के पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त से स्नान के लिए कल्पवासियों के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ संगम तट पर पहुंचने लगी। इस स्नान के साथ ही कल्पवास का औपचारिक समापन हो गया। आखिरी स्नान पर्व पर उम्मीद से ज्यादा भीड़ मेला क्षेत्र में पंहुची। मेले की पार्किंग पूरी तरह से भरी रही स्नान करने वाले कई किलोमीटर पैदल चल कर घाटो तक पहुचें । वही कल्पवास के समापन के चलते अपने परिजनों के लेने आने वालों की संख्या सबसे ज्यादा रही। मेला क्षेत्र में प्रशासन ने भीड़ बढ़ने पर दारागंज इलाके में पार्किंग बना कर गाडियां वही रोक दी । बाहर से आने वाले श्रधालुओं के साथ ही रविवार की छुट्टी पर स्थानीय की भीड़ भी मेले में जा पंहुची । भीड़ बढ़ने से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारी सतर्क रहे । जिले और मेले के सभी उच्च अधिकारी मेला क्षेत्र में जुटे रहे ।

पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाले माघ मेले का समापन माघी पूर्णिमा के स्नान के साथ 43 दिन चलने वाली तपस्या पूरी कर कल्पवासी एक बार फिर अपने गृहस्थ जीवन में लौटने लगे है । वही संतो का डेरा भी त्रिजटा स्नान के बाद उजड़ जायेगा । माघी पूर्णिमा के स्नान के लिए 18 घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था और स्नान के इंतजाम रहा । मेले में भी तरह से सुरक्षा में चूक ना होने देने की पूरी सतर्कता आखिरी समय तक रही। मेला अधिकारी रजनीश मिश्रा ने बताया कि मेले में पांचवे स्नान पर्व पर कल्पवासियों के साथ स्आथानीय लोगों की भीड़ उमड़ी ।

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