script

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति का बड़ा कदम ,दोगुने वेतन पर रखे गये कर्मचारी को हटाया

locationप्रयागराजPublished: Jan 23, 2020 02:31:47 pm

पूर्व कुलपति के निजी सचिव के तौर पर कर रहे थे काम

Acting VC of Allahabad University removed employee hired on double pay

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति का बड़ा कदम ,दोगुने वेतन पर रखे गये कर्मचारी को हटाया

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कुलपति रतनलाल हंगलू के जाते ही कई बड़े परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर कार्यलय का दरवाजा शिक्षकों ,छात्रों एछात्र नेताओं और जरूरतमंदों के लिए खुल गया है। जबकि प्रोफ़ेसर हंगलू के चार साल के कार्यकाल में उनकी संवाद हीनता ही कई आंदोलनों का कारण रही।

विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आर आर तिवारी ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक फेरबदल कर दिया है। एक तरफ जहां कैंपस में दो ज्वाइंट रजिस्टार एक डिप्टी रजिस्ट्रार और छह असिस्टेंट रजिस्ट्रार के कार्यक्षेत्र का नए सिरे से निर्माण किया गया है। वही पूर्व कुलपति प्रोफेसर हंगलू ने अपने कार्यालय में एक सीनियर रिटायर कर्मी को तैनात कर रखा था वह उनके सचिव के तौर पर विश्वविद्यालय का काम देख रहे थे। इनकी गिनती प्रोफेसर हंगलू के करीबियों में हो रही थी उनके जाते ही प्रो आर आर आर तिवारी ने इन से काम लेने से मना कर दिया है। कहा जाता है की हंगलू इन्हें दोगुने वेतन का भुगतान कर रहे थे।

दरअसल आगामी फरवरी माह में विश्वविद्यालय में केंद्रीय जांच टीम के आने की संभावना है। जिसके मद्देनजर कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी उन सभी विवादित पहलुओं के निस्तारण में जुटे हैं। जिनको लेकर कुलपति हंगलू के दौरान शिकायतें की गई और आंदोलन चलते रहे। गौरतलब है कि हंगलू के खिलाफ भ्रष्टाचार शिक्षक भर्ती में धांधली आर्थिक अनियमितता जैसे गंभीर आरोप लगाए गए जिनकी जांच मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा कराई जा रही है।

वही प्रोफेसर आरआर तिवारी ने सीनेट हॉल के दरवाजे सभी के लिए खोल दिए हैं ।छात्र नेताओं सहित शिक्षकों आम छात्रों के आने जाने पर सभी तरह की रोक हटा दी गई है।कार्यवाहक कुलपति के इस कदम स्वागत कैंपस में किया जा रहा है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अनंत मिश्रा बी ए द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। कहते हैं कि दो सालों में पहली बार ऐसा लग रहा है कि ,वही विश्वविद्यालय है जिसके बारे में हम सुनते थे न कोई शोर शराबा न कोई आंदोलन ,अगर संवाद बनाए रखने से सभी चीजें सामान्य हो सकती थी कुलपति हांगलू को ये दूरी नहीं बनानी चाहिए थी।

ट्रेंडिंग वीडियो