इलाहाबाद. पूरब का आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अप्रैल महीने में छात्रावासों के वॉशआउट को लेकर चला बवाल अब खत्म हो चुका है। उसके एक माह बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावासों में पुराने और नए छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। आवेदन जमा करने के बाद परिणाम घोषित होने के दस दिन के भीतर दोबारा प्रवेश के लिए आवेदन करना होगा। छात्रावास प्रवेश के लिए छात्रों के फार्म डीएसडब्ल्यू कार्यालय में जमा किए जाएंगे। वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार छात्राओं के फार्म सरोजनी नायडू महिला छात्रावास के कार्यालय में जमा होंगे। आवेदन पत्र के साथ सभी जरूरी दस्तावेज भी लगाने होंगे।
गौरतलब हो कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर इविवि और ट्रस्ट द्वारा संचालित डेढ़ दर्जन सभी छात्रावासों को अभियान चलाकर खाली कराया गया था। मरम्मत कार्य के बाद अब छात्रावासों में शैक्षिक सत्र 2017-18 के लिए पुनः प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है। छात्रावास में रहने वाले जिन छात्र-छात्राओं ने शैक्षिक सत्र 2016-17 में अपने कोर्स के अंतिम वर्ष की परीक्षा दी है, उनका पुनः प्रवेश नहीं होगा। ऐसे छात्रों को अगले कोर्स में दाखिला मिलने के बाद नए छात्र के तौर पर प्रवेश के लिए आवेदन करना होगा। नए छात्रों का प्रवेश मेरिट और छात्रावास में सीट की उपलब्धता के आधार पर ही होगा।
छात्रावास में रहने पर देना होगा ब्यौरा
छात्रावास के लिये भरे जाने वाले आवेदन पत्र में विद्यार्थियों को अपने बारे में ब्यौरा देना पड़ेगा कि अब तक किन शैक्षिक सत्रों में, किस कोर्स में, किस छात्रावास में रहे हैं। छात्रावास के कमरा नंबर की जानकारी देने के साथ ही उस शैक्षिक सत्र के फीस रसीद की स्व प्रमाणित प्रति भी देनी होगी। आवेदकों को शैक्षिक सत्र 2016-17 के एकेडमिक रिकॉर्ड की जानकारी भी देनी होगी। ऐसे विद्यार्थियों को ही छात्रावासों में प्रवेश मिलेगा, जिनका घर इलाहाबाद से 25 किलोमीटर या इससे अधिक की दूरी पर है।
72 घंटे में खाली करना होगा कमरा
छात्रावास के लिए आवेदन करते वक्त छात्र-छात्राओं को शपथ पत्र संलग्न करना होगा। जिसमें बकायदा फाइनल परीक्षा समाप्त होने के 72 घंटे के भीतर कमरा खाली करने की सहमति होगी। हलफनामें में विद्यार्थी को जिक्र करना होगा कि अपने कमरे में किसी दूसरे को नहीं रखेंगे। अन्यथा नियम का उल्लंघन होने पर छात्रावास में प्रवेश निरस्त भी हो सकता है। शपथ प्रक्रिया छात्रावास खाली कराते वक्त बवाल से बचने के लिये हैं।