इस दौरान उन्होंने मौजूद अधिकारियों की उपस्थिति में इलाहाबाद को केन्द्र में रखते हुए लगभग 100 किमी. की परिधि में आने वाले प्रमुख तीर्थस्थलों को आपस में सुगम यातायात से जोड़ने की उच्चस्तरीय कार्ययोजना प्रस्तावित करने को कहा। ताकि इलाहाबाद आने वाले पर्यटक आसानी से काशी, विंध्याचल, श्रृंगवेरपुर, कौशाम्बी, कड़ा धाम आदि तीर्थस्थलों पर सुगमता से पहुंच सके। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य को श्रद्धा और आस्था से करें। यह मानकर चलें कि तीर्थयात्रा करने वालों के लिए प्रयाग आने वाले की सेवा करना तीर्थयात्रा से अधिक पुण्य का कार्य है।
उन्होंने अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि इस कुम्भ के आयोजन को पूरी दुनिया के सामने एक आदर्श व भव्य रूप में पेश करना है। इसलिए कार्यों को पूरी गुणवत्ता और ईमानदारी के साथ समय से पूरा करें। डिप्टी सीएम ने कहा कि कुंभ में आने वाले तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और इलाहाबादवासियों के लिए उच्च स्तरीय और विशिष्ट स्तर की जीवनशैली की सुविधायें विकसित की जाएं। कुम्भ क्षेत्र और पूरे प्रयाग को यातायात, सड़क, बिजली, चिकित्सा और पेयजल की सुविधा के लिए हर नई तकनीक प्रयोग किया जाए।
समीक्षा बैठक में मौजूद नगर विकास मंत्री नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने कड़ाई के साथ यह हिदायद दी कि जो अधिकारी कार्यों में लापरवाही बरतेंगे। उनसे निपटने के लिए शासन के पास अपने सभी कठोर विकल्प है जिनका इस्तेमाल किया जायेगा। इसके साथ-साथ जो अधिकारी कार्यों को समयबद्ध एवं गुणवत्ता के साथ पूरा करेंगें। ऐसे अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने पीडब्लूडी, सेतु निगम, बिजली, नगर विकास, स्वास्थ्य, सिचाई और पर्यटन विभाग के साथ अन्य विभागों को कड़े निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिसस तरह से कुंभ मेले से संबंधित कार्य अक्टूबर 2018 तक हर हाल मे पूरे करना है। उसी तरह माघ मेला 2018 के कार्यो को भी कुम्भ स्तर पर 20 दिसम्बर 2017 तक पूरा कर लिया जाए। क्योंकि यह माघ मेला कुंभ मेले का रिहर्सल है। समीक्षा के दौरान नगर विकास मंत्री ने कुम्भ के दौरान बनने वाले अण्डर पास सेतुओं के किनारे सर्विस रोड़ को निर्बाध संचालित करने के निर्देश दिया।