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राम पर सियासी संग्राम, अखाड़ों की दो टूक, अब इंतजार नहीं, इस दिन करेंगे अयोध्या कूच

locationप्रयागराजPublished: Feb 02, 2019 09:55:24 pm

अखाड़ा परिषद ने कहा, शंकराचार्य के आह्वान पर कूच कर जाएंगे अयोध्या
कांग्रेस की एंट्री, शंकराचार्य से मिले दिग्विजय सिंह
विहिप और आरएसएस मुश्किल में, कटने लगा संत समाज

akhada parishd

naredra giri

पत्रिका ब्यूरो, प्रयागराज

जिस राममंदिर पर जनता की नब्ज पकड़कर मोदी सरकार सत्तासीन हुई, वही मसला अब उसके गले की हड्डी बन चुका है। विहिप के तमाम प्रयास और धर्म संसद के बावजूद संतों का बड़ा धड़ा इस मुद्दे उसे घेरने में जुट गया है। नतीजतन विहिप विरोधी संत फ्रंट फुट पर हैं और आरएसएस उन्हें मनाने के लिए हर दांवपेंच अजमाने में जुटा है। इन सब के बीच अखाड़ों ने शनिवार को बैठक कर साफ कर दिया कि वे शंकराचार्य के आह्वान का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही उन्हें इशारा मिलेगा वे अयोध्या कूच कर जाएंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो दूसरे शाही स्नान के बाद बड़ी बैठक बुलाकर अयोध्या कूच की नई रणनीति तैयार करेंगे। साफ है कि अब संत समाज भाजपा और विहिप के आश्वासन वाले बयान पर संतोष नहीं करने वाला। इन सब के बीच कांग्रेस ने भी एंट्री ले ली है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यहां शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और कम्प्यूटर बाबा से मुलाकात की। इसके बाद कम्प्यूटर बाबा की मन की बात कार्यक्रम में विहिप और मोदी सरकार के खिलाफ तीन प्रस्ताव पारित हो गए।

दरअसल, विहिप की दो दिन की धर्मसंसद मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने पर केंद्रित रही। पहले ही इससे दूरी बनाकर अखाड़े धर्मसंसद में लिए गए फैसलों पर नजर बनाए हुए थे। शनिवार को अखाड़ा परिषद ने अचानक सभी अखाड़ों की बैठक बुलाई और राममंदिर पर आंदोलन की रणनीति तय की। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि महाराज ने बताया कि राम मंदिर के मुद्दे को लेकर संत समाज बेहद गंभीर है। अगर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने आवाहन किया तो संत समाज उनके साथ अयोध्या कूच करेगा।
राम मंदिर
उधर, कम्प्यूटर बाबा ने दिए सरकार को 24 दिन
राममंदिर मुद्दे को लेकर शनिवार को विहिप विरोधी धड़े के कुछ संतों ने मन की बात कार्यक्रम का आयोजन कर तीन प्रस्ताव पास किए। मध्यप्रदेश के इंदौर से आए नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा ने बताया कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण का वादा पूरा नहीं किए जाने पर मोदी जनता से माफी मांगें। संत समाज ने राममंदिर निर्माण के लिए सरकार को 24 दिन का अल्टीमेटम दिया है। कहा कि मोदी सरकार 24 दिन में अध्यादेश लाकर राममंदिर निर्माण की राह प्रशस्त करें। तीसरा महत्वपूर्ण निर्णय यह रहा कि हिंदू देवी-देवताओं पर जातिगत टिप्पणी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रदोह का केस चलाया जाए। कंप्यूटर बाबा ने बताया कि मन की बात में नरेंद्र मोदी को रावण बताते हुए उनकी लंका को जलाने का भी संत ने निर्णय लिया है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महराज ने कहा कि सभी संतों ने निर्णय लिया है कि 21 फरवरी को संत अयोध्या पहुंचेंगे।
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