अखाड़ा परिषद ने इन बाबाओं को फर्जी घोषित किया 1-आशाराम बापू 2-सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां 3-राम रहीम उर्फ गुरमीत सिंह सच्चा डेरा सिरसा 4-निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह 5-सच्चिदानंद गिरी, उर्फ सचिन दत्ता
6-ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा 7-इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी 8-स्वामी *****ीमानंद 9-ऊं नम: शिवाय बाबा 10-नारायण सांई 11-रामपाल 12-कुशमुनि 13-बृहस्पतिगिरी 14-माखनलाल गिरी शासन से जांच और कार्रवाई की मांग
अखाड़ा परिषद ने प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी को भी इन बाबाओं की सूची भेजकर इनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है। साथ ही इन्होने पत्र में लिखा है कि इन बाबाओं की संपत्तियों की जांच की जाय। ताकि पता चल सके कि आखिर भोली-भाली जनता को किस तरह से धर्म के नाम पर ठगने का काम ये ढ़ोंगी बाबा कर रहे हैं। शासन से इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
संतों ने कहा समाज को बदनाम कर रहे हैं ढोंगी बाबा बैठक में देश के विभिन्न प्रांतों और गांवों में मौजूद संतों को बुलाया गया था। इस दौरान सभी ने एस स्वर में इन फर्जी बाबाओं के नाम ऐलान करने के फैसले का एक स्वर में समर्थन किया। साथ ही लोगों ने अपने आस-पास के ढ़ोंगी बाबाओं के नाम की सूची भी संत समाज के सामने पेश की। सबने एक स्वर में कहा कि उन बाबाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जो गलत कार्यों में लिप्त हैं। क्योंकि ऐसे लोगों के कारण संत समाज की बदनामी होती है। इस बैठक में महंत सत्यगिरी, महंत भरत राय, महंत गोविंदानंद,, सतुआ बाबा आश्रम के संतोष दादा, धर्मदास समेत सैकड़ों संत उपस्थित रहे।
गोरखपुर में भी मिला समर्थन वही गोरक्षपीठ में चल रहे अवेद्यनाथ और महंत दिग्विजय नाथ पुण्यतिथि सप्ताह समारोह के समापन में पहुंचे साधु संतों ने भी अखाड़ा परिषद के फैसले का समर्थन किया इनका कहना है कि कुछ लोगों के चलते पूरा सन्यासी समाज बदनाम हो रहा। कुछ लोग रुपयों के बल पर खुद को साधु-सन्यासी घोषित कर ले रहे हैं और उनके कृत्य से संत समाज की विश्वसनीयता घट रही है ऐसे में सच सामने लाया जाना जरूरी है कि समाज को धोखा देने वाला आखिर कौन है।