हत्याकांड मामले में एसटीएफ लखनऊ कार्यालय से जारी हुई विज्ञप्ति के अनुसार 10 मई की सुबह 10 बजे इलाहाबाद शहर के कर्नलगंज थाना क्षेत्र में मनमोहन पार्क के पास अधिवक्ता राजेश श्रीवास्तव की घर से कचहरी जाते समय बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात को लेकर अधिवक्ताओ ने शहर भर में जमकर बवाल काटा था।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनन्द कुमार व एसटीएफ महानिरीक्षक अमिताभ यश और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अभिषेक सिंह ने हत्याकाण्ड के खुलासे के लिए एसटीएफ फील्ड यूनिट वाराणसी के अपर पुलिस अधीक्षक एस. आनन्द पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में सूचना जुटाने के लिए टीमों को लगाया गया था।
जांच के दौरान राजेश श्रीवास्तव की हत्या में प्रतापगढ़ के शूटर शामिल होने का पता चला, जिनको इलाहाबाद के दो लोगों की ओर से हत्या की सुपारी दिये जाने की पुष्टि हुई। इसमे यह पता चला की शहर के रामबाग मोहल्ले में स्थित क्राउन प्लाजा होटल के मालिक प्रदीप जायसवाल ने अपने साथी के माध्यम से शूटरों से सम्पर्क किया। उसके बाद अधिवक्ता की हत्या की सुपारी दी थी। होटल क्राउन प्लाजा का कुछ हिस्सा अवैध कब्जा करते हुए नाले पर बना था। एसटीएफ की टीम ने वारदात के बाद की सभी कड़ियों को जोड़ते हुए शुक्रवार की भोर में सोरांव थाना क्षेत्र से उक्त अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये तीनों अपराधियों के खिलाफ सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज करके जेल भेजने की कार्रवाई की गई।
अधिवक्ता हत्याकांड के बाद पुलिस पर शासन व लोगों का वारदात के खिलासे को लेकर दबाव था। वहीं वकीलों ने भी स्थानीय प्रशासन की नाक में दम कर रखा था। अब इस हत्याकांड के खुलासे बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है। बता दें कि इस हत्या के बाद जिले तैनात तत्कालीन एसएसपी आकाश कुलहरी का तबादला कर नए कप्तान की नियुक्ति की गयी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या खुद अधिवक्ता के परिजनों से मिलने उनके घर गए थे और न्याय दिलाने का भरोसा देते हुए सरकार की तरफ से परिजनों को 20 लाख की आर्थिक सहयता दी थी।
By Prasoon Pandey