यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनील चौधरी की याचिका पर दिया है। याचिका में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में शराब की दुकानें खोलने को आत्मघाती करार देते हुए तत्काल रोक लगाने की माग की गयी है। याची का कहना है कि यदि आर्थिक कारणों से शराब विक्री जरूरी हो तो इसे आन-लाइन अथवा होम डिलीवरी सिस्टम से बेचा जाय। सरकारी रेवेन्यू बढाने के लिए शराब की दुकानें खोलना कोरोना महामारी को और बढाएगा। ऑनलाइन दाखिल अर्जी में कहा गया है कि हाल के दिनों में शराब की दुकानों पर भारी भीड ने लाक डाउन के नियमो की धज्जियां उड़ा दी। जिससे महामारी फैलने की आशंका व्याप्त हो गयी है। जिसको लेकर यह जनहित याचिका दाखिल की गई है।
बता दें की याची अधिवक्ता पूर्व में भी प्रयागराज और मेरठ में रेड लाइट एरिया को लेकर जनहित याचिका दाखिल कर चुके हैं। याची की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रयागराज में स्थित मीरगंज और मेरठ के रेड लाइट एरिया को पूरी तरह से बंद कराया था । गौरतलब है कि उनके तीसरे चरण की शुरुआत के साथ की राजस्व को देखते हुए सरकार ने शराब की दुकानों को खोलने का निर्णय लिया है । लेकिन तीसरे चरण के लॉकडाउन में चालीस दिन बाद शराब की दुकानों के खुलने पर सोशल डिस्टेंसिंग हवा में उड़ गई। जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया। एक दिन में लाखों लोगों ने प्रदेश भर में शराब के लिए घरों से निकले और एक दूसरे के संपर्क में आये। जिसे देखते हुए ऑनलाइन याचिका में तत्काल बंदी की मांग की गई।