नागरिकों के आपराधिक इतिहास की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध क्यों नहीं? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी डीजीपी से पूछा
प्रयागराजPublished: Dec 25, 2021 06:30:25 pm
Allahabad High Court : हाईकोर्ट ने ये सवाल उठाया और कहा कि आखिरकार किसी नागरिक के आपराधिक इतिहास से संबंधित जानकारी सार्वजनिक डोमेन में क्यों नहीं है और यह पासवर्ड से सुरक्षित क्यों है? कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि वे बताएं कि इसे कैसे जनता की पहुंच तक बनाया जा सकता है।
Allahabad High Court: प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं के शमसेर अली की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (डीजीपी) से पूछा है कि अपराधियों के आपराधिक रिकॉर्ड को पासवर्ड में क्यों सुरक्षित रखा जाए। हाईकोर्ट ने सीधा सवाल किया है कि आखिर नागरिकों का आपराधिक इतिहास क्यों सार्वजनिक डोमेन में क्यों नहीं है और उनका पासवर्ड से सुरक्षित क्यों रखा गया है। हाइकोर्ट ने पूछा है कि अगर लोगों तक इसकी पहुंच न हो सके तो इसकी जगह पर और क्या उपचारी उपाय हो सकते हैं? कोर्ट ने मामले में डीजीपी को हलफनामे पर यह जानकारी देने को कहा है।