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29 हजार 334 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ, हाईकार्ट ने दिया आदेश

locationप्रयागराजPublished: Feb 12, 2018 10:08:30 pm

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया गणित विज्ञान में चयनित 29 हजार 334 शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश।

Villagers gave respect Teachers who give bad results

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इलाहाबाद. हाईकोर्ट हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में उन प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों को 29 हजार 334 गणित विज्ञान के सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया है। जिनका इस पद पर चयन हो चुका है। मगर नियुक्ति नहीं दी जा रही है। कोर्ट ने संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि पद रिक्त है जिन पर याचीगण का चयन हुआ है या 29 हजार 334 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत पद रिक्त है तो वे याचीगण की नियुक्ति करें।
सुरेन्द्र कुमार व 15 अन्य की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी.त्रिपाठी ने दिया है। याचिका में कहा गया है कि याचीगण प्रशिक्षु सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त हुए थे। 2013 में बेसिक शिक्षा विभाग ने अपर प्राइमरी स्कूलों में गणित-विज्ञान के 29 हजार334 सहायक अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला। याचीगण ने इसमें आवेदन किया और चयनित हो गए लेकिन उनको नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा है कि याचीगण की नियुक्ति पत्र पर छह सप्ताह में निर्णय लिया जाए।

नोएडा में वाहन पार्किंग व्यवस्था न होने पर अथारिटी के अधिकारी तलब
हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा गौतमबुद्ध नगर में वाहन पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने पर नोएडा अथारिटी के चीफ टाउन प्लानर अथवा किसी संबंधित अधिकारी को तलब किया है। नोएडा के श्रीकांत वैद्य ने याचिका दाखिल कर कहा है कि पूरे नोएडा में वाहनों की पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। इससे नागरिकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
नोएडा अथारिटी की तरफ से कहा गया कि वाहनों की पार्किंग के लिए सेक्टर वाइज व्यवस्था की जा रही है। इसमें समय लगेगा। जबकि याचिका की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ का कहना था कि अथारिटी को चाहिए कि वह कामर्शियल एरिया के नजदीक में व आवासीय एरिया के आसपास गाड़ियों की पार्किंग की ऐसी व्यवस्था करे जो अण्डरग्राउण्ड हो और उसमें पर्याप्त मात्रा में गाड़ियां खड़ी हो सके। अथारिटी के अधिवक्ता का कहना था कि इसके लिए अधिकारियों की टीम गठित की गयी है।
अरबन ट्रांसपोर्ट पालिसी के तहत मल्टी स्टोरी पार्किंग भवन बनकर तैयार है। इसके अलावा हर सेक्टर में प्लाट चिन्हित किये गये हैं। अब अथारिटी बिना पार्किंग के भवनों का नक्शा पास नहीं कर रही है। कोर्ट ने कहा कि रिहायशी इलाकों की पार्किंग अधिकतम दो सौ मीटर से दूर न हो ताकि लोग सड़क पर वाहन पार्क न करें। कोर्ट ने इस संबंध में पूरी जानकारी मांगी है तथा केस की सुनवाई के लिए 15 फरवरी तिथि नियत की है।
By Court Correspondence
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