यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी त्रिपाठी ने अनिरूद्ध कुमार त्रिपाठी व ऐसे ही दर्जनों अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याची अधिवक्ता डी.के निगुणायत का कहना है कि याची किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित है। डाक्टरों ने कानपुर में रिफर किया है। याची बांदा में सहायक अध्यापक है। राज्य सरकार ने 13 जून 2017 के शासनादेश के पैरा 4(8)(ख) के तहत सहायक अध्यापक का पांच साल तक तबादला न करने का आदेश जारी किया है।
याची का कहना है कि पांच साल तक तबादले पर लगी रोक में गंभीर बीमार अध्यापकों को छूट नहीं दी गयी है। जो अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मूल अधिकारों के विपरीत व मनमानी है। याचिका में गंभीर बीमार अध्यापकों को पांच साल की रोक से छूट दिये जाने की मांग की गयी है।
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हाईकोर्ट ने प्रदेश में आरा मिलों को लाइसेंस शुल्क विवाद को लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाओं पर राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा मांगा है और अगली सुनवाई 26 फरवरी नियत की है।
हाईकोर्ट ने प्रदेश में आरा मिलों को लाइसेंस शुल्क विवाद को लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाओं पर राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा मांगा है और अगली सुनवाई 26 फरवरी नियत की है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने मेसर्स सिंह टिम्बर टेडर्स व सैकड़ों अन्य याचिका पर दिया है। मालूम हो कि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के संशोधन कानून को रद्द करते हुए 15 हजार रूपये प्रतिवर्ष लाइसेंस शुल्क तय किया। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर हाईकोर्ट को नये सिरे से तय करने को कहा है। याची की तरफ से पूरक हलफनामा दाखिल किया। जिसका जवाब दाखिल करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से समय मांगा गया। याचिका की सुनवाई 26 फरवरी को होगी।
By Court Correspondence