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मुसलमान ससुर को कोई हक नहीं कि वो बहू के ससुराल में रहने की मांग करे, इलाहाबाद HC ने खारिज की अर्जी

locationप्रयागराजPublished: Jun 08, 2023 04:11:35 pm

Submitted by:

Rizwan Pundeer

Allahabad High Court News: अदालत ने उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें ससुर ने बहू के ससुराल में आने की मांग की थी।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

Allahabad High Court News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पाया है कि एक मुस्लिम ससुर को कोई हक नहीं है कि वो अपनी बहू को ससुराल में रहने के लिए कहे। कोर्ट ने मोहम्मद हाशिम नाम के शख्स की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में हाशिम ने मांग की थी कि उसकी बहू 2 साल से मायके में रह रही है। उसके माता-पिता उसे ससुराल नहीं आने दे रहे हैं। ऐसे में उसको ससुराल आने के लिए कोर्ट आदेश दे।
कुवैत में रहता है महिला का पति
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस शमीम अहमद की अदालत ने कहा कि एक मुस्लिम ससुर को बहू की कस्टडी की मांग करने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने का ही कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि महिला का पति कुवैत में अपनी आजीविका कमाने के लिए रह रहा है। ऐसे में संभव है कि वह खुद ससुराल में रहना नहीं चाहती हो। न्यायालय ने कहा कि अगर कोई शिकायत है, तो पति के पास उचित मंच से संपर्क करने का उपाय है, लेकिन ससुर के पास ये हक नहीं है।
कोर्ट ने ये भी कहा कि मुस्लिम कानून के तहत, विवाह एक अनुबंध है और पति अपनी पत्नी की सुरक्षा, आश्रय और सभी इच्छाओं और दिन-प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाध्य है। ऐसे में वह कुवैत में है और उसकी कोई शिकायत होगी तो उसे सुना जा सकता है।

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