यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने कोरोना संदिग्ध के कोरेन्टाइन सेन्टर में व्याप्त गंदगी व अव्यवस्था को लेकर कायम जनहित याचिका पर दिया है। मालूम हो कि एक अधिवक्ता ने कोर्ट को कोरोना मरीज इंजीनियर स्व वीरेन्द्र सिंह की पत्नी के वीडियो के आधार पर हस्तक्षेप करने की मांग की। वीडियो मे सेन्टर में फैली गंदगी को दिखाते हुए प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं।
कोर्ट ने जनहित याचिका कायम कर सरकार से जानकारी मांगी थी। सरकार की तरफ से व्यवस्था में सुधार सहित इलाज की व्यवस्था की ईमेल से जानकारी दी गयी। बताया गया कि 11 सरकारी अस्पतालो में कोरोना मरीजो के इलाज की व्यवस्था की गयी है। डाक्टरों की टीम काम कर रही है । कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए लम्बित रखते हुए इन अस्पतालों की व्यवस्था का व्योरा तलब किया है। सुनवाई 14 मई को होगी।