कहा गया कि याची का किया गया निर्माण प्राधिकरण के मास्टर प्लान में कृषि भूमि पर स्थित है। याची ने कंपाउडिंग के लिए प्रार्थनापत्र दिया था जिसे प्राधिकरण ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि इस मामले में कपांउडिंग लागू नहीं होगी। याची ने इसके बाद दूसरा प्रत्यावेदन किया, जिसमें कहा गया कि कृषि भूमि पर स्लाटर हाउस चलाने की विशेष अनुमति विकास प्राधिकरण दे सकता है। इस प्रत्यावेदन पर राजस्व अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि संबंधित भूखंड 12 फीट सड़क पर स्थित है। याची का कहना है कि वह कंपाउडिंग फीस 24 अप्रैल 2018 को जमा कर चुका है लेकिन उसके प्रत्यावेदन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इस दौरान विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने 30 मई 2019 को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर दिया। कोर्ट ने विकास प्राधिकरण को याची के प्रत्यावेदन पर एक माह में विचार कर सकारण आदेश करने का निर्देश दिया। साथ ही इस दौरान ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगा दी।