कोर्ट ने पूछा है कि अवैध खनन करने वालों पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी बी भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने श्रीमती उषा देवी की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अवैध खनन पर रोक के आदेश के बाद एक संयुक्त कमेटी गठित कर निरीक्षण किया गया और कमेटी की अवैध खनन की 22 जनवरी 2017 की रिपोर्ट पर सुनील कुमार दूबे, पवन कुमार दूबे, चिंतामणि दूबे, सप्लायर रंगी लाल निषाद व अन्य के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गयी।
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वकीलों के संलिप्त होने के विरोध में हड़ताल व दबाव के कारण पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इसके बाद भी अवैध खनन जारी है। याची ने कहा कि उसके पास डिजिटल डाटा व फोटोग्राफ हैं। जिला प्रशासन खनन पर रोक का हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को गुमराह कर रही है। इस पर कोर्ट ने कार्यवाही रिपोर्ट के साथ जिलाधिकारी को सुनवाई के समय हाजिर रहने का निर्देश दिया है।
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