यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति वाई.के. श्रीवास्तव की खंडपीठ ने रवीन्द्र कुमार बंसल की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि तहसील बने 4 साल बीत चुके है। अधिकारियांे की तैनाती को मंजूरी भी दी जा चुकी है किंतु स्टाफ व अन्य सुविधाएं मुहैया न कराने के कारण अधिकारियों की तैनाती नहीं की जा रही है जिसके चलते तहसील के लोगों के बैनामे आदि जरूरी कार्य रुके हुए हैं। तहसील को राजस्व की हानि हो रही है। नागरिकों की परेशानी को देखते हुए उपनिबन्धकों की तैनाती की जाए। याचिका की सुनवाई 11 जनवरी 2019 को होगी। कोर्ट ने उम्मीद जाहिर की है कि सरकार इस दौरान अधिकारियों की मूलभूत सुविधाओं सहित तैनाती कर देगी।