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हाईकोर्ट ने योगी सरकार पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, यह है मामला

locationप्रयागराजPublished: Feb 14, 2019 02:13:39 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

विपक्षी की भूमिधरी जमीन को बिना मुआवजा दिये जमीन ले ली गयी

Cm yogi adityanath

Cm yogi adityanath

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा के बाह तहसील के कोरथ गांव के किसान भीम सिंह के पक्ष में डिग्री काहने के बावजूद 29 साल तक मुकदमे में उलझाये रखने पर कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट व्यर्थ की मुकदमेबाजी करने के लिए राज्य सरकार पर पचास हजार रूपये का हर्जाना लगाते हुए सरकार की याचिका खारिज कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को हर्जाना राशि एक माह में जमा करने का आदेश दिया है और कहा है कि सरकार चाहे तो हर्जाना राशि व्यर्थ की याचिका दाखिल करने वाले अधिकारियों से वसूल कर सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने उ.प्र. राज्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। मालूम हो कि 1987 में चम्बल डाल परियोजना के लिए जमीन पर नहर निर्माण की गयी। विपक्षी की भूमिधरी जमीन को बिना मुआवजा दिये जमीन ले ली गयी।

कोर्ट ने विपक्षी के पक्ष में फैसला दिया और सरकार को आदेश दिया कि भीम सिंह की एक बीघा, दस बिस्वा व 5 विस्वांशी भूमि को तीन माह में खाली कर कब्जा वापस करने का राज्य सरपकार को निर्देश दिया और कहा कि यदि कब्जा वापस नहीं होता तो वादी को भूमि का कब्जा लेने का अधिकार दिया गया। सरकार द्वारा न तो मुआवजा दिया गया और न ही जमीन खाली की गयी।

निष्पादन कोर्ट में कहा गया कि केवल 0.075 हेक्टेयर भूमि पर नहर बनी है। पूरी जमीन का मुआवजा नहीं दिया जा सकता। अर्जी पर कोर्ट आदेश को राज्य सरकार ने चुनौती दी और 29 साल तक व्यर्थ के मुकदमे में उलझाये रखा। कोर्ट का फैसला अन्तिम होने के बाद भी कब्जा नहीं छोड़ा गया। कोर्ट ने इसे अनुच्छेद 300 ए के अधिकारों का हनन माना और पचास हजार हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी।
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