आक्रोशित अधिवक्ताओं ने 4 सितंबर को सैकड़ों वाहन के काफिले के साथ राजधानी लखनऊ कूच करने का ऐलान किया है तो वकीलों की बेमियादी हड़ताल का हाईकोर्ट की प्रधानपीठ के बाहर जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है वकीलों की हड़ताल के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायिक कामकाज पूरी तरीके से ठप हो गया है। जिसके चलते हाई कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही है वहीं हाईकोर्ट में नए मुकदमे भी दाखिल नहीं हो पा रहे हैं।गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन प्रस्तावित शिक्षा सेवा अधिकरण को लखनऊ में खोले जाने और प्रयागराज से कई सरकारी दफ्तरों को राजधानी में शिफ्ट किए जाने का लगातार विरोध कर रहा है इसके विरोध में मंगलवार 27 अगस्त को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने प्रयागराज बंद बंद कराया था जिसका जबरदस्त असर देखने को मिला था प्रदर्शनकारी वकीलों का कहना है कि शिक्षा सेवा प्राधिकरण लखनऊ में खोला जाना प्रयागराज के खिलाफ बड़ी साजिश है उनके मुताबिक इससे पहले शिक्षा विभाग के सभी मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट में आते थे लेकिन वह आप सभी अधिकरण में जाएंगे और उसके बाद वह सिर्फ रिवीजन वाले मामले ही हाईकोर्ट में आएंगे।
बाकी मामलों में अपील सीधे सुप्रीम कोर्ट में ही होगी अधिकरण लखनऊ में खुलने से इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकीलों के पास आने वाले वकीलों के मुकदमें 20 फ़ीसदी कम हो जाएंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडे ने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगे नहीं मानती है तो या आंदोलन तेज होगा और सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।