उनके अविस्मरणीय योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। विधि प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सह संयोजक विकास चंद्र त्रिपाठी ने सुषमा स्वराज के परिजनों को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। प्रदेश सह संयोजक रणजीत सिंह ने कहा कि देश ने एक साहसी और दूरदृष्टि वाली परिपक्व नेता को खो दिया है। हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने कहा कि सुषमा स्वराज जैसीं नेता का असमय जाना देश, समाज और पार्टी के लिए बड़ी क्षति है।
उन्होंने हमेशा अपने सरल व्यवहार, ओजस्वी भाषण और वाकपटुता की अनूठी मिसाल पेश की है। शोक सभा की अध्यक्षता बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश मिश्र ‘गांधी’ एवं संचालन संयुक्त सचिव पुस्तकालय आशुतोष पाण्डेय ने किया। श्रद्धांजलि देने वालों में प्राणेश दत्त त्रिपाठी, मृत्युंजय तिवारी, श्याम हेला, समीर त्रिपाठी, आलोक त्रिपाठी, मनीष द्विवेदी, रमेश त्रिपाठी, पुरुषोत्तम मौर्या, नीलम शुक्ला, सुरेंद्र नाथ मिश्र, सर्वेश दुबे, दुर्गेश चन्द्र तिवारी, अमित श्रीवास्तव, चंद्रमा यादव, अमित दुबे, रामरसिक तिवारी, चक्रपाणि, एस पी राय, अभिजीत पाण्डेय, ओम प्रकाश द्विवेदी आदि रहे।
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