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यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खण्डपीठ ने मनसाद व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दो बार इस केस की सुनवाई इस कारण टाल दी गयी कि सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जवाब तैयार हो रहा है। दो बार का समय 8 दिसम्बर 17 व 19 दिसम्बर 17 को दिया गया था लेकिन केस की सुनवाई के दिन तक इस मामले में जवाब दाखिल नहीं किया गया। जवाब तैयार किये जाने का सरकारी वकील का बयान झूठा था। इस कारण कोर्ट ने अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने याची के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश को अग्रिम आदेश तक के लिए बढ़ा दिया। कोर्ट का कहना था कि योग्य सरकारी वकीलों की नियुक्ति न होने से अब अदालत प्रतीक्षा नहीं करेगी, बल्कि केसों का एकतरफा निस्तारण कर सरकार पर जुर्माना ठोकेगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खण्डपीठ ने मनसाद व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दो बार इस केस की सुनवाई इस कारण टाल दी गयी कि सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जवाब तैयार हो रहा है। दो बार का समय 8 दिसम्बर 17 व 19 दिसम्बर 17 को दिया गया था लेकिन केस की सुनवाई के दिन तक इस मामले में जवाब दाखिल नहीं किया गया। जवाब तैयार किये जाने का सरकारी वकील का बयान झूठा था। इस कारण कोर्ट ने अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने याची के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश को अग्रिम आदेश तक के लिए बढ़ा दिया। कोर्ट का कहना था कि योग्य सरकारी वकीलों की नियुक्ति न होने से अब अदालत प्रतीक्षा नहीं करेगी, बल्कि केसों का एकतरफा निस्तारण कर सरकार पर जुर्माना ठोकेगी।
by PRASOON PANDEY