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हाईकोर्ट ने डीजे बजाने पर पूरी तरह लगाई रोक, बजाया तो 5 साल की जेल और एक लाख तक जुर्माना

locationप्रयागराजPublished: Aug 21, 2019 08:17:09 am

सरकार को कहा आदेश का कड़ाई से कराएं पालन, कानून का उल्लंघन होने पर संबंधित थानाध्यक्ष होंगे जिम्मेदार।
डीएम और एसपी को टीम बनाकर निगरानी करने का आदेश, शहरी क्षेत्र को श्रेणिबद्ध करने को भी कोर्ट ने कहा।

High Court Ban on DJ

हाईकोर्ट ने बैन किया डीजे

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution) को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए प्रदेश में डीजे (D J) बजाने पर रोक लगा दिया है। डीजे बजाने वालों को पांच साल की जेल और एक लाख रुपये तक जुर्माना वसूले जाने जैसी सजा का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट ने अब डीजे बजाने की परमिशन देने पर ही रोक लगा दी है। राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि ध्वनि प्रदूषण के मामलों में एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवााई की जाए। हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून के उल्लंघन को नागरिकों के मूल अधिकार का उल्लंघन बताया है।
हाईकोर्ट (High Court) ने सभी जिलों के डीएम को ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करने के लिये टीम बनाने और ध्वनि प्रदूषण कानून का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सभी धार्मिक त्योहारों के पहले इस कानून का पालन कराने की पूरी जिम्मेदार एसपी और डीएम को दी है। कहा है कि एसपी डीएम कानून का पालन सुनिश्चित कराएं। इतना ही नहीं कोर्ट ने डीजे पर पूरी तरह पाबंदी लगाते हुए, कहा है कि इसके बाद भी अगर ध्वनि प्रदूषण होता है तो संबंधित थानाध्यक्ष उसके लिये जिम्मेदार होगा। ध्वनि प्रदूषण को लेकर कोर्ट ने साफ कहा है कि यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों, मरीजों से लेकर स्वस्थ व्यक्ति सभी के स्वास्थ्य के लिये खतरा है और परेशानी का सबब है।
जस्टिस पीकेएस बघेल और जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच ने यह आदेश प्रयागराज के हाशिमपुर निवासी सुशील चन्द्र श्रीवास्तव व अन्य की याचिका पर फैसला सुनाते हुए दिया है। याचिकाकर्ताओं की शिकायत थी कि रिहायशी क्षेत्र हाशिमपुरा रोड पर जिला प्रशासन की ओर से एलसीडी लगवाया गया है, जो सुबह चार बजे से आधी रात तक बजता है। अपनी 85 सल की मां और आसपास के अस्पतालों का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया कि इससे स्थानीय लोगों और मरीजों को काफी परेशानी हो रही है और बच्चे पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार को भी आदेश दिये हैं कि ध्वनि प्रदूषण कानून से सम्बन्धित अपराधों का मुकदम दर्ज कराया जाय। इसके अलावा सभी शहरों को शहरी, औद्योगिक, व्यावसायिक और रिहायशी या साइलेंस जोन के रूप में श्रेणिबद्ध करने का आदेश देते हुए यूपी के प्रमुख सचिव को आदेश का पालन कराने के लिये अधिकारियों को निर्देश जारी करने को कहा है।
By Court Correspondence

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