कोर्ट ने जानवरों की चरही को भवन मानते हुए किरायेदारी से बेदखली आदेश की वैध करार दिया है और किरायेदार की पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी. केशरवानी ने कानपुर नगर सब्जी मंडी स्थित मकान संख्या 76/184 के खुले एरिया में जानवरों की नाद के किरायेदार मुन्नू यादव की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आउट हाउस, गैराज, गार्डेन भी भवन का अंतरंग हिस्सा है। छत विहीन होने के बावजूद वह भवन माना जायेगा।
बता दें कि मकान मालिक रामकुमार यादव ने मकान की खुली जगह पर जानवरों को खिलाने के लिए बनी 4 नाद याची को किराए पर दी। किराया बकाये पर मकान मालिक ने 18 जून 16 को नोटिस दी। न किराया दिया और न ही खाली किया तो वाद दायर हुआ। लघुवाद न्यायाधीश कानपुर नगर ने मकानमालिक के पक्ष में फैसला दिया जिसे चुनौती दी गयी थी। कोर्ट के सामने सवाल था कि खुला मैदान, जिस पर छत नहीं है, क्या भवन है? कोर्ट ने कहा भवन का आशय रिहायशी व व्यावसायिक है। इसमें सटी हुई जमीन भी शामिल है। जरूरी नहीं की जमीन छत से ढंकी हो।
BY- COURT CORROSPONDENCE