कोर्ट ने कहा, याचियों को यह पता लगाने के लिए नहीं कहा जा सकता कि कौन अध्यापक साइंस या गणित के अध्यापक बनने की योग्यता रखता था, कौन नहीं। यह
कार्य बीएसए द्वारा जांच व् सुनवाई करके ही किया जा सकता है। याचियों का कहना है कि कई ऐसे लोग टीइटी पास होकर सहायक अध्यापक नियुक्त हो गए जिन्होंने स्नातक में साइंस या गणित में से कोई एक विषय नहीं लिया था।
2011 के सर्कुलर में साइंस या गणित में स्नातक ही सहायक अध्यापक बन सकते हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंण्डपीठ ने प्रभात कुमार वर्मा सहित दर्जनो विशेष अपीलों को निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट के इस फैसले से शिकायत मिलने पर हर बीएसए को इस बात की जांच कर कार्यवाही करनी होगी कि कौन अध्यापक टीइटी पास करने के पहले साइंस या गणित विषय से स्नातक नही किया है।कोर्ट केइस आदेश से दर्जनों अयोग्य अध्यापको की नौकरी जा सकती है।