यह आदेश न्यायमूर्ति बी.के.नारायण तथा न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने इमरान व पांच अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता गया प्रसाद सिंह व वी.के.पाल का कहना था कि बब्बों ने अपनी मर्जी से याची से शादी की है। दोनों साथ रह रहे है। पिता ने उसकी मर्जी के खिलाफ शादी करने पर बेटी की हत्या का आरोप लगाते हुए याचियांे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी। याचिका में प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गयी थी।
By Court Correspondenc