खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले को सही करार दिया है और फ़ैसले के खिलाफ राज्य सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील पर दिया है। याची चंद्र मणि ने याचिका दायर कर सेवा नियमित करने की मांग की। कोर्ट ने जिलाधिकारी जौनपुर द्वारा याची को नियमित करने से इंकार करने के आदेश को रद्द कर दिया और विचार करने का निर्देश दिया था। सरकार का कहना था कि याची की नियुक्ति किसी पद के विरुद्ध नहीं की गई है।वह प्रोजेक्ट के तहत वर्कचार्ज कर्मचारी के रुप में तय वेतन पर नियुक्त है। इसलिए 2016की नियमावली इसपर लागू नहीं होगी।
कोर्ट ने 1992से जनरेटर आपरेटर इलेक्ट्रीशियन का काम देख रहे याची को नियमित करने का निर्देश दिया था।जिसे अपील में चुनौती दी गई थी। सरकार का कहना था कि याची के वेतन का कोई बजट नहीं है।किसी पद के विरुद्ध नियुक्ति नहीं है।रेंटल आय से उसे भुगतान किया जाता है। एकल पीठ ने कहा कि किसी से 29सालों तक फिक्स वेतन पर काम नहीं लिया जा सकता। सरकार कर्मचारी का शोषण नहीं कर सकती। इसलिए याची की सेवा नियमित करने पर विचार किया जाय।इस आदेश को खंडपीठ ने सही माना है।