यह आदेश न्यायमूर्ति एम् सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की खंण्डपीठ ने मंदिर की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है। राजमार्ग चौड़ीकरण योजना के तहत सड़क 4 लेन की जा रही है। जमीन का अधिग्रहण 1969 में हो चुका है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सड़क से अवैध निर्माण हटाये जा रहे है। याचिका में मंदिर को ध्वस्त करने पर रोक लगाने की मांग की गई है।