यह आदेश न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खण्डपीठ ने कुण्जानकी देवी व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची बेसिक शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत्ति अकेली अविवाहित 75 वर्षीय असहाय महिला है। न तो वह बोल सकती है और न ही लिख सकती है। लगभग कोमा की हालत में है। एक नजदीकी महिला ने पंजाब नेशनल बैंक में संयुक्त खाता खुलवाया और याची के पेंशन खाते से 22.50 लाख रूपये स्थानान्तरित करा लिए तथा धीरे धीरे 18 लाख निकाल लिया गया। इसके बाद पेंशन खाते से धनराशि स्थानान्तरित न होने पर देखभाल की समस्या खड़ी हुई। कोर्ट ने जब व्यवस्था तंत्र की जानकारी मांगी तो सरकार को ऐसे कानून का पता चला और निर्देश जारी किया गया। कोर्ट को बताया गया कि जिलाधिकारी धन स्वीकृत करने के अधिकारी है। जिला समाज कल्याण अधिकारी को नामित किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि असहाय व वृद्ध नागरिक समाज के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। उनके जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में सीएमओए मुख्य ट्रेजरी अधिकारी व बीएसए व जिला समाज कल्याण अधिकारी की कमेटी याची की व्यवस्था व देखभाल करे। कमेटी का संयोजक मुख्य ट्रेजरी अधिकारी होगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी हफ्ते में एक बार विजिट कर याची की दवा आदि की व्यवस्था कर बिलों को पास कराए। वह डीएम को रिपोर्ट दे। सीएमओ इलाज व दवा की व्यवस्था करे। दैनिक जरूरतें पूरी हो जरूरी हों तो वृद्धाश्रम में शिफ्ट करें।
BY- PRASOON PANDEY