यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने अजय कुमार पाण्डेय की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर राजकुमार पंडित व श्रीराम जानकी संस्कृत महाविद्यालय तियरा, बदलापुर, जौनपुर के प्रबंधक त्रिलोकी नाथ मिश्र को पक्षकार बनाते हुए तलब किया था। पत्रावली के साथ निरीक्षक हाजिर हुए।कहा याची को 100.166अंक मिले हैं। लिपिक की गलती से 111.000अंक दर्ज हो गया है। इसलिए याची को नियुक्ति देने से इंकार किया गया है।
जब कि याची का कहना है कि रंजीत दूबे की नियुक्ति करना चाहते हैं। इसलिए मेरे साथ गड़बड़ी की गई है। कोर्ट ने निरीक्षक से पूछा चयन प्रक्रिया का पूरी पत्रावली क्यों नहीं लाये,तो कोई जवाब नहीं दिया। प्रबंधक हाजिर नहीं हुए। कोर्ट ने पाया कि पत्रावली में छेड़छाड़ की गई है।ओवर राइटिंग की गई है।जिसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है। याचिका की सुनवाई 27जुलाई को होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए निर्देश दिया है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि प्रयागराज जैसी घटना उत्तर प्रदेश में कहीं और न हों। कोर्ट ने इस मामले में तब संज्ञान लिया जब मीडिया रिपोर्ट में यह पाया कि प्रयागराज में नालों की सफाई के दौरान कर्मचारियों को बिना जीवन रक्षक उपकरण दिए नालों में उतार दिया गया। जिसको लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है।