याची अधिवक्ता घनश्याम मोर्या का कहना था कि याची सहित 27 लोग बोर्ड में सर्टिफिकेट लेखक थे, कोर्ट ने भविष्य के लिपिक भर्ती में वरीयता का आदेश दिया। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन भी दिया था। इसके बावजूद 1999 में जब भर्ती हुई तो याची व अन्य की नियुक्ति पर विचार नहीं किया गया। इसी मामले को लेकर जनसूचना अधिकार कानून के तहत सूचना मांगी गयी। न देने पर अपील दाखिल हुई। कोर्ट ने अपील तय करने को कहा। इस आदेश की अवहेलना करने पर यह याचिका दाखिल की गयी है।
BY- Court Corrospondence