कोर्ट ने बिना विभाजन के याची को जमीन का कब्जा वापस नहीं कर सकते ,एस डी एम व तहसीलदार शाहगंज के इस कथन को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और कहा कि कोर्ट ने जानकारी मांगते समय ही पैमाईश कर आराजी निश्चित करने को कहा था। इसके बावजूद ऐसी जानकारी देना समझ से परे है।
कोर्ट ने जिलाधिकारी से कहा है कि यदि दोषी अधिकारियों पर की गई कार्रवाई से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई तो उच्च अधिकारियों को तलब किया जायेगा और कोर्ट खुद कार्रवाई करेगी। याचिका की सुनवाई 5जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति वी के बिडला तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने निर्मला की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता आर एन यादव व अभिषेक कुमार यादव ने बहस की।इनका कहना है कि आराजी संख्या 378रकबा 0.158हेक्टेयर उसकी भूमिधारी भूमि है।जिसका अतिक्रमण कर प्रशासन द्वारा व्यायामशाला निर्माण किया जा रहा है।जब कि व्यायाम शाला के लिए अलग भूमि निर्धारित है। खड़ी फसल को नुक्सान कर एस डी एम,के निर्देश पर जे सी बी मशीन से समतलीकरण कार्य किया जा रहा है। फोटो भी दाखिल किया।जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और कहा है कि यह कोर्ट की अवमानना है। कोर्ट ने डी एम जौनपुर को फोटोग्राफ व दस्तावेज सहित जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।