याची के अधिवक्ता एसएस इकबाल हसन और अन्य ने कोर्ट को बताया कि डाक विभाग में 5314 ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती के लिए 30 अक्टूबर 2017 को विज्ञापन जारी किया गया था। आवेदन के लिए न्यूनतम अर्हता यूपी या केन्द्र के किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से हाईस्कूल या समकक्ष डिग्री है। याचीगण यूपी मदरसा बोर्ड से मुंशी और मौलवी तथा आलिम उत्तीर्ण हैं। जब उन्होंने आवेदन के लिए प्रयास किया तो डाक विभाग की वेबसाइट में बोर्ड वाले कालम में सिर्फ पांच बोर्ड दिये गये थे, जिसमें यूपी मदरसा बोर्ड शामिल नहीं था। जिसकरण याची आवेदन नहीं कर सका।
जबकि यूपी मदरसा बोर्ड उ.प्र सरकार से मान्यता प्राप्त है और मुंशी मौलवी व आलिम की डिग्रियां हाईस्कूल और इण्टर के समकक्ष हैं। कोर्ट ने याचीगण की दलील स्वीकार करते हुए चीफ पोस्ट मास्टर जनरल यूपी और अधिकृत प्राधिकारी भर्ती ग्रामीण डाक सेवक कोे निर्देश दिया है कि मदरसा बोर्ड को आवेदन पोर्टल में प्रदर्शित करते हुए दस दिन में आवेदन लेने का निर्देश दिया है।
बीएड से पूर्व टीईटी पास करने वालों की नियुक्ति को चुनौती इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित, विज्ञान के 2933 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति को चुनौती दी गयी, जिन्होंने बीएड की फाइनल डिग्री हासिल करने के पूर्व टीईटी 2011 उत्तीर्ण कर लिया था और अब चयनित होकर नौकरी कर रहे हैं।
प्रभात कुमार वर्मा और 53 अन्य लोगों की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति सुनील कुमार सुनवायी कर रहे हैं। कोर्ट इस मामले पर पांच दिसम्बर को सुनवायी करेगी। याचीगण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, सिद्धार्थ खरे, ए.के त्रिपाठी और प्रतिपक्षियों की ओर से अधिवक्ता अनिल सिंह बिसेन पक्ष रख रहे हैं। याचिका में कुछ चयनित अभ्यर्थियों को भी पक्षकार बनाया गया है।