यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सी डी सिंह की खंडपीठ ने श्रीमती प्रेमलता की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। मालूम हो कि याची के पति अविनाश कुमार की सेवाकाल में मृत्यु हो गयी ।वह पुलिस विभाग में मैसेंजर थे। याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी थी तो कहा गया कि उसके पास आई टी आई डिग्री नही है। जिस पर उसने दरोगा पद पर नियुक्ति की मांग की।तो चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव दिया गया। जिस पर याचिका दाखिल कर अपनी योग्यता के आधार पर नियम 5 के तहत नियुक्ति की मांग की।
कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी तो यह अपील दाखिल की गयी थी। कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया और याचिका मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं है कि तृतीय श्रेणी का पद खाली नही है। ऐसे में तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति की जा सकती है।
BY- Court Corrospondence