याचिका में 13 जून 2017 को जारी तबादला नीति की अधिसूचना को चुनौती दी गयी है। याचिका पर अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभू राय ने पक्ष रखा। अधिवक्ताओं की दलील थी कि 2008 के सर्विस रूल में दिये प्रावधान के तहत पांच वर्ष से कम सेवा वाले अध्यापकों का अन्तरजनपदीय तबादला नहीं हो सकता। इस प्रावधान के तहत 13 जून 2017 को अधिसूचना जारी कर सभी तबादले रोक दिये गये।
बाद में इसे शिथिल कर कहा गया कि सिर्फ सुरक्षा बलों, कर्मियों की पत्नी को 5 वर्ष से कम सेवा पर तबादला किया जायेगा। 12 जनवरी 2018 को फिर एक अधिसूचना जारी कर विशेष परिस्थिति का लाभ देकर सिर्फ महिला अध्यापिकाओं को इस नियम में छूट दे दी गयी। इसका विरोध करते हुए वकीलों का कहना था कि सरकार ने विशेष परिस्थिति की गलत व्याख्या कर सिर्फ महिलाओं को छूट दी है जबकि विशेष परिस्थिति का क्लाज सभी टीचरों पर लागू होता है। कोर्ट ने इस मामले पर प्रदेश सरकार व बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया है।
हाईकोर्ट बार में लगा तीन दिनी नेत्र चिकित्सा शिविर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष स्व. कन्दर्प नारायण मिश्र की स्मृति में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में तीन दिवसीय निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का उद्घाटन मंगलवार को न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने किया। शिविर के पहले दिन लगभग 950 अधिवक्ताओं ने अपनी आंखों की जांच करायी। जिसमें नेत्र चिकित्सकों की टीम में शामिल डा. मयंक श्रीवास्तव, डा. आनन्द शुक्ला, डा. ए के कौल, डा. अवनय कुमार सोनी, डा. अरूण सिंह, डा. राजेश पटेल, डा. शीतांशु शुक्ला, डा. बृजेश यादव एवं डा. दीपक शर्मा ने अधिवक्ताओं की आंखों की जांच के साथ ही उन्हें निःशुल्क परामर्श भी दिया।
चिकित्सा शिविर के संयोजक एवं हाईकोर्ट बार के पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन अजय कुमार मिश्र और सह संयोजक तथा बार के उपाध्यक्ष श्रीराम पाण्डेय ने बताया कि यह शिविर 25 जनवरी तक रहेगा। जिसमें अधिक से अधिक अधिवक्ता अपनी आंखों की जांच करा सकते हैं। इस मौके पर हाईकोर्ट बार के महासचिव अविनाश चन्द्र तिवारी, उपाध्यक्ष श्रीराम पाण्डेय, संयुक्त सचिव प्रशासन प्रशांत कुमार सिंह, कार्यकारिणी सदस्य विवेक पाण्डेय, ओम आनन्द आदि रहे।
By Prasoon Pandey