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यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी की जमीन आवंटन में बकाया वसूली को चुनौती, कोर्ट की अन्य खबरें

locationप्रयागराजPublished: Jul 13, 2018 10:58:23 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

अथॉरिटी ने याची सहित ऐसे 13 आवंटियों को नोटिस जारी की है।

Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गौतमबुद्ध नगर के श्रीमती शकुन्तला एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी को बकाया वसूली नोटिस के खिलाफ सीईओ के समक्ष विचाराधीन अपनी आपत्ति दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। मार्केट दर से अधिकारियों की मिलीभगत से कम दर पर हुए आवंटन की जांच रिपोर्ट के आधार पर सीईओ यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी ने 45 करोड़ की ब्याज सहित वसूली नोटिस जारी की है। अथॉरिटी ने याची सहित ऐसे 13 आवंटियों को नोटिस जारी की है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन सिन्हा ने बहस किया। इनका कहना है कि याची आवंटित दर से भुगतान कर रहा है। अब अथारिटी ने अतिरिक्त धन मय ब्याज के वसूली नोटिस दी है, जो गलत है। यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी के अधिवक्ता प्रमोद जैन का कहना है कि अथारिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से कम दर पर 13 संस्थाओं को जमीन आवंटित की गयी।
सीईओ ने जांच करायी तो मार्केट रेट से कम दर पर जमीन के आवंटन किये जाने का खुलासा हुआ है। अथारिटी ने बाजारी मूल्य के अनुसार आवंटन तिथि से बकाये पर ब्याज वसूली की नोटिस जारी की है और याची ने इसी मामले में सिविल वाद दायर किया है। जिसकी सुनवाई 18 जुलाई को होनी है। 05 जून 2018 की नोटिस पर याची ने आपत्ति भी की है। कोर्ट ने अंतरिम राहत न देते हुए याची को पूरक हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है।
न्यायाधीशों पर अभद्र टिप्पणी मामले में ईश कुमार बलेचा को अवमानना नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहारनपुर आवास विकास कालोनी के निवासी ईशकुमार बलेचा को आपराधिक अवमानना नोटिस जारी की है और दो हफ्ते में जवाब मांगा है। याची पर बलेचा पर न्यायमूर्तियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने व न्यायालय की गरिमा गिराने का आरोप है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने आवास विकास परिषद सहारनपुर की आवासीय योजना के तहत अर्जी अस्वीकार करने की चुनौती याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

याची ने कोर्ट में स्वयं बहस की और याचिका में न्यायाधीशों की गरिमा के खिलाफ लिखी गयी टिप्पणी को स्वीकार किया और कहा कि उसके पास साक्ष्य है, वह जो कह रहा है सिद्ध कर सकता है। कोर्ट ने याची की स्वीकृति के बाद अवमानना कार्यवाही करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी की हैै। याचिका की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
पेड़ों को काटने पर रोक हाईकोर्ट ने लगाई रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ की बर्रा ग्राम पंचायत के तालाब के भीटे पर स्थित एक हजार पेड़ों की नीलामी के तहत पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है और ठेकेदार सहित राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने हरे पेड़ों को नीलाम कर सरकार ऐसे ही पेड़ों की रक्षा कर रही है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने अमलेश गुप्ता की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि तालाब के सुन्दरीकरण के नाम पर ग्राम प्रधान ने एक हजार पेड़ों की नीलामी कर दी है और ठेकेदार हरे पेड़ों को काट रहा है। जिससे पर्यावरण प्रभावित होगा।
कोर्ट ने पेड़ काटने पर रोक लगाते हुए जिलाधिकारी से भी जानकारी मांगी है। ठेकेदार का कहना था कि उसने 25 फीसदी धन जमा किया है तो कोर्ट ने कहा कि जमा राशि वापस की जा सकती है।
BY- Court Corrospondence

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