चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस एमके गुप्ता की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद ही निर्देश जारी किया है। याचिकाकर्ता अभिषेक शुक्ला ने हाईकोर्ट की जमीन पर अतिक्रमण करके मस्जिद बनाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। आरोप था कि अवैध निर्माण करके हाईकोर्ट के गेट नम्बर पांच के सामने कानपुर रोड़ पर स्थित महाधिवक्ता कार्यालय भवन के ठीक पीछे मस्जिद का निर्माण कराया गया था। यह जमीन हाईकोर्ट की थी। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद ही अपना निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी से कहा है कि मस्जिद के निर्माण के लिए जगह भी उपलब्ध करायी जाये।
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सरकारी व कोर्ट की जमीन पर न हो अवैध निर्माण
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि शासन यह सुनिश्चित करे कि सरकार या कोर्ट की जमीन पर अवैध ढंग से मंदिर या फिर मस्जिद का निर्माण नहीं किया जाये। प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि नियमों का उल्लंघन करके किसी तरह का निर्माण किया जा सके। हाईकोर्ट के आदेश से उन लोगों को झटका लगा है जो किसी ने किसी बहाने अवैध निर्माण करने में जुट रहते हैं। हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद २० सितम्बर को अपना निर्णय सुरक्षित कर रख लिया था और फिर अपना निर्णय सुनाया है।
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हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि शासन यह सुनिश्चित करे कि सरकार या कोर्ट की जमीन पर अवैध ढंग से मंदिर या फिर मस्जिद का निर्माण नहीं किया जाये। प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि नियमों का उल्लंघन करके किसी तरह का निर्माण किया जा सके। हाईकोर्ट के आदेश से उन लोगों को झटका लगा है जो किसी ने किसी बहाने अवैध निर्माण करने में जुट रहते हैं। हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद २० सितम्बर को अपना निर्णय सुरक्षित कर रख लिया था और फिर अपना निर्णय सुनाया है।
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