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हाईकोर्ट ने वकील का गाउन और बैंड उतरवाया, जानिये क्या है पूरा मामला

locationप्रयागराजPublished: Aug 29, 2018 08:15:26 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

कस्टडी में लेकर जांच का दिया आदेश, वकालत करने पर लगायी रोक

MP High Court,bar association,UP Bar Association,

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इलाहाबाद. इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमे की सुनवाई के दौरान उस समय सकते में आ गयी जब एक वकील ने कोर्ट को बहस कर रहे वकील के बारे में बताया कि उसके एडवोकेट रोल का बिना अनुमति प्रयोग कर बहस कर रहे मेरे नाम के वकील कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। वकील जितेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि अपील में दर्ज एडवोकेट रोल मेरा है जिसका गलत इस्तेमाल हो रहा है।
कोर्ट ने दूसरे के एडवोकेट रोल पर बहस करने वाले वकील जितेन्द्र कुमार सिंह को अगले आदेश तक किसी भी न्यायालय में बहस करने पर रोक लगा दी है और महानिबंधक को इस मामले की विस्तृत जांचकर 14 सितम्बर 18 को सील कवर लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही अपील की पत्रावली भी सील कर दी है और कहा कि इसे कोई न खोले।
कोर्ट ने अधिवकता जितेन्द्र कुमार सिंह का गाउन व बैण्ड उतरवा लिया और पुलिस अभिरक्षा में लेकर कोर्ट रूम 51 से महानिबंधक कार्यालय तक ले जाने का निर्देश दिया तथा महानिबंधक को प्रारंभिक पूछताछ कर छोड़ देने को कहा है और बहस करने वाले वकील जितेन्द्र कुमार को हाजिर होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति इफाकत अली खान की खण्डपीठ ने रामगोपाल की अर्जी पर दिया है। मालूम हो कि सुबह दस बजे जब केस पुकारा गया तो अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार सिंह ने बहस शुरू ही की थी कि दूसरे अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार सिंह ने आपत्ति की कि असली जितेन्द्र सिंह वह है जो वकील बहस कर रहे हैं उन्होंने एडवोकेट रोल का गलत इस्तेमाल किया है। इससे पहले भी ये 8 से 10 बार ऐसा कर चुके हैं।
कोर्ट ने जब पूछताछ शुरू की तो विरोधाभासी बयान दिये और कहा कि मुंशी की गलती से रोल लिख गया। फाइल कवर पर रोल प्रिंट होने की बात पर कहा कि उनका रोल स्थायी पता न होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया। किन्तु उसका 1999 का बार कौंसिल में पंजीकरण है। परिचय पत्र कोर्ट ने फाइल में ले लिया। कोर्ट ऑफिसर, महानिबंधक व निबंधक शिष्टाचार को बुलाया और पुलिस अभिरक्षा में महानिबंधक कार्यालय में भेज दिया। कोर्ट ने महानिबंधक को विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
BY- Court Corrospondence

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