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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, UPPCS जारी करे 2013 के समीक्षा अधिकारी और ARO वेटिंग लिस्ट

locationप्रयागराजPublished: Mar 09, 2018 12:18:58 am

हाईकोर्ट ने यूपी लोक सेवा आयोग को 2013 की आरओ और एआरओ परीक्षा की प्रतीक्षा सूची तीन महीने में जारी करने का दिया आदेश।

UPPCS

यूपी लोक सेवा आयोग

इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. लोक सेवा आयोग को 2013 की आर.ओ., ए.आर.ओ. परीक्षा की 3 माह के भीतर प्रतीक्षा सूची जारी करने का निर्देश दिया है। और कहा है कि खाली पदों को प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों से भरा जाय। कोर्ट ने कहा है कि त्रिलोकी नाथ मिश्र केस में कोर्ट ने 15 नवम्बर 1999 के शासनादेश को रद्द कर दिया है जिसके तहत आयोग को प्रतीक्षा सूची न तैयार करने की छूट दी गयी थी। कोर्ट ने कहा कि शासनादेश रद्द होने के बाद आयोग द्वारा प्रतीक्षा सूची जारी न करने का कोई औचित्य नहीं है।

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की खंडपीठ ने आजमगढ़ के विनय कुमार सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आर.के.एस. चैहान व एम.के. सिंह ने बहस की।
याची का कहना है कि आयोग ने आर.ओ., ए.आर.ओ. 2013 की परीक्षा में 283 अंक से अधिक पाने वाले 368 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया। किन्तु 317 ने ही पद भार ग्रहण किया। शेष पद खाली रह गए। याची ने भी 283 अंक प्राप्त किये है। प्रतीक्षा सूची तैयार न होने के कारण पद खाली रह गए, उन्हें भरा नहीं जा सका। शासनादेश रद्द होने के बाद प्रतीक्षा सूची जारी न करने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने कहा कि त्रिलोक नाथ सिंह के फाइनल हो चुका है, जिसे किसी कोर्ट से निरस्त नहीं किया गया है। तो आयोग की प्रतीक्षा सूची से खाली पदों को भरने का अवसर न देने का औचित्य नहीं है।

पुराने नोटों के घोटाले के आरोपी की गिरफ्तारी पर रोक से इंकार
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोट बंदी के दौरान 5 सौ व एक हजार के 28 लाख 31 हजार 500 रूपये के घोटाले के आरोपी उत्तर रेलवे मुरादाबाद के बैलेंस कीपर मनोज कुमार सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि सी. बी. आई. ने जांच शुरू नहीं की है ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति के.पी. सिंह की खंडपीठ ने मनोज कुमार सिंह की याचिका पर दिया है। याची के खिलाफ गाजियाबाद में सी.बी.आई. ने एफआईआर दर्ज कराई है। सी.बी.आई.अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश ने याचिका का प्रतिवाद किया। इनका कहना था कि याची ने गम्भीर अपराध कर सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। प्रारम्भिक जांच में नियमित जांच के पर्याप्त साक्ष्य मिले है जिन पर सी.बी.आई. जांच की जा रही है। याची पर करेंसी जमाकर विभागीय चेक बनवाने का आरोप है। नोट बंदी अधिसूचना का खुला उल्लंघन किया गया है।
Court Correspondence
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