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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भाई की हत्यारे की सजा कम करके दिया रिहाई का आदेश, जानिए क्यों

locationप्रयागराजPublished: Jun 24, 2022 02:01:47 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह लगता है कि याची ने अपने भाई को चोट पहुंचाने के इरादे से हमला किया था, न की उसकी हत्या करने के लिए। जिसकी वजह से अपराध की धारा 302 के बजाय 304 के तहत माना है। कोर्ट ने कहा कि याची को किसी अन्य मामले में हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है तो उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भाई की हत्यारे की सजा कम करके दिया रिहाई का आदेश, जानिए क्यों

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भाई की हत्यारे की सजा कम करके दिया रिहाई का आदेश, जानिए क्यों

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए भाई की हत्यारे की सजा को कम करते हुए रिहाई का आदेश दिया है। बुलंदशहर के बीबीनगर थानांतर्गत धकोली गांव में भाई की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे व्यक्ति (याची) की सजा को कम करते हुए उसकी रिहाई का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह लगता है कि याची ने अपने भाई को चोट पहुंचाने के इरादे से हमला किया था, न की उसकी हत्या करने के लिए। जिसकी वजह से अपराध की धारा 302 के बजाय 304 के तहत माना है। कोर्ट ने कहा कि याची को किसी अन्य मामले में हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है तो उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए।
मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति साधना रानी (ठाकुर) की खंडपीठ ने मनोज कुमार शर्मा की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है। मामले में 2009 उसके भाई विकास शर्मा ने 2009 में आईपीसी की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज कराकर भाई राजीव शर्मा को हत्या आरोप लगाया था।
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इस मामले में सत्र न्यायालय बुलंदशहर ने याची को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। याची ने सत्र न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पाया कि याची का इरादा अपने भाई राजीव कुमार की हत्या करने का नहीं था। उसका इरादा केवल शारीरिक चोट पहुंचाने का था। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रिहाई का आदेश दिया है।

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