प्रयागराजPublished: Jun 24, 2022 02:01:47 pm
Sumit Yadav
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह लगता है कि याची ने अपने भाई को चोट पहुंचाने के इरादे से हमला किया था, न की उसकी हत्या करने के लिए। जिसकी वजह से अपराध की धारा 302 के बजाय 304 के तहत माना है। कोर्ट ने कहा कि याची को किसी अन्य मामले में हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है तो उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए।
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