इसे भी पढ़ें गोरखपुर के बी आर डी मेडिकल कॉलेज में अगस्त महीने में 394 से अधिक बच्चों की हुई मौत याची के अधिवक्ता का कहना था कि याचीगण टीईटी उत्तीर्ण हैं और 72825 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए उन्होंने आवेदन किया था। उनको प्रशिक्षु सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया। छह माह के प्रशिक्षण के बाद उनको सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति दी जानी थी। इस दौरान शिक्षामित्र होने के कारण इनका समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर हो गया।
इसे भी पढ़ें गोरखपुर के बी आर डी मेडिकल कॉलेज में 24 घंटे में फिर 18 और बच्चों की मौत, चार दिन में 79 बच्चे मरे इधर 72825 सहायक अध्यापक मामला शिवकुमार पाठक केस में सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था, इसलिए याचीगण ने प्रशिक्षु अध्यापक के पद पर ज्वाइन नहीं किया था। 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया है।
इसे भी पढ़ें पतंजलि को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, नोएडा में कंपनी को आवंटित जमीन पर काम रोका शिवकुमार पाठक केस का निस्तारण करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 72825 सहायक अध्यापक भर्ती में करीब छह हजार पद अभी रिक्त हैं। याचीगण का कहना था कि चूंकि वह चयनित प्रशिक्षु अध्यापक हैं और छह हजार पद अभी भी रिक्त है। इसलिए इनको रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाए। कोर्ट ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से पूछा है कि क्यों नहीं याचीगण को रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जानी चाहिए।
by PRASOON PANDEY