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मथुरा में अवैध कब्जे को लेकर जयगुरुदेव संस्था को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत

locationप्रयागराजPublished: Sep 20, 2017 11:00:44 pm

जयगुरूदेव धर्म प्रचारक संस्थान को राहत, डीएम को निर्णय लेने का निर्देश, काशी विश्वनाथ मंदिर इलाके के दुकानदारों को भी राहत।

Jai Gurudev Sansthan Illegal Possession Case

जयगुरुदेव संस्थान अवैध कब्जा केस

इलाहाबाद. हाईकोर्ट इलाहाबाद ने जयगुरूदेव धर्मप्रचार संस्थान पर उ.प्र. राज्य औद्योगिक विकास निगम की जमीन पर अवैध कब्जे मामले में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि यदि कोर्ट का स्थगनादेश है तो ध्वस्तीकरण न किया जाए।

कोर्ट ने जिलाधिकारी मथुरा को पक्षो को सुनकर अवैध कब्जा निर्धारण कर खाली कराने पर निर्णय लेने का आदेश दिया है। जय गुरूदेव संस्थान का कहना था कि प्लाट संख्या 30 पर उनका वैध कब्जा है। जिलाधिकारी व मुख्य सचिव ने केवल 2.63 हेक्टेयर जमीन पर ही अवैध कब्जा माना है। जिस पर संस्थान ने कोई आपत्ति नहीं की।

कोर्ट ने मथुरा-वृन्दावन महायोजना में घोषित पार्को की बहाली के मामले में उद्योगों को वैकल्पिक स्थान की अर्जी देने को कहा है। जिन उद्योगों के मामले में कोर्ट का स्थगनादेश है, उन पर कार्यवाही न करने को कहा है। कोर्ट ने मथुरा औद्योगिक क्षेत्र प्रदूषण निवारण केन्द्र के कामन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी राहत दी है। इसमें 30 उद्योगों का पानी शोधित कियाजा रहा है। कुल जमीन 17 हजार वर्ग मीटर है जिसमें से 8 हजार वर्ग मीटर में पेड़ लगे हैं।
कोर्ट ने इसे पार्क के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है। सीमेंट, ईंट उद्योग की जमीन में स्कूल हटाने व पार्क बहाली का भी कोर्ट ने आदेश दिया है। कोर्ट ने 30 अप्रैल तक स्कूल हटाने का समय दिया है। पांच हजार वर्ग मीटर में पेड़ लगाकर पार्क बनाने को कहा है। कोर्ट ने औद्योगिक विकास निगम से कार्यवाही रिपोर्ट मांगी है और कहा कि पार्क भूमि से उद्योगों को दूसरी जगह जमीन दी जाए और पार्क विकसित किया जाए। याचिका की सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने राजेश सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि महायोजना में घोषित पार्क बहाल किये जाए और पार्क भूमि को उद्योगों को दी गयी जमीन खाली कराकर उन्हें दूसरी जगह जमीन दी जाए।
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने दुकानदारों की बेदखली न करने का दिया भरोसा
हाईकोर्ट इलाहाबाद ने बांसफाटक वाराणसी स्थित भार्गव काम्पलेक्स के दुकानदारों को राहत मिली है। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सीईओ ने हलफनामा दाखिल कर स्वयं कहा कि किरायेदारों की जबरन बेदखली नहीं की जायेगी। कोर्ट ने याचियों को कानून के तहत कार्यवाही करने की छूट दी है। याचिका में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीदने के अधिकार की वैधता के मुद्दे पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खण्डपीठ ने भार्गव काम्पलेक्स में किरायेदार दीपक कुमार अग्रवाल व तेरह अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया
by PRASOON PANDEY

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