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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के मामले में कहा- सहायक लाइब्रेरियन शैक्षिक नहीं है स्टाफ

locationप्रयागराजPublished: May 04, 2022 12:31:20 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट के खंडपीठ ने एकल पीठ के अंतरिम आदेश को रद कर दिया है। मामले में कहा कि याची विपक्षी 62 वर्ष की आयु पूरी करते ही सेवानिवृत्त हो जाएगा। उसे सत्रांत तक कार्य करने की अनुमति नहीं होगी। मामले के अनुसार याची विपक्षी जितेंद्र कुमार तिवारी 31 जुलाई 2021 को सेवानिवृत्त हो गए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के मामले में कहा- सहायक लाइब्रेरियन शैक्षिक नहीं है स्टाफ

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के मामले में कहा- सहायक लाइब्रेरियन शैक्षिक नहीं है स्टाफ

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि सहायक लाइब्रेरियन को शैक्षिक स्टाफ नहीं माना जा सकता। इसलिए उसे सेवानिवृत्ति तारीख से सत्रांत तक कार्य करने देने का अंतरिम आदेश सही नहीं माना जा सकता। मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति की तरफ से दाखिल विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के खंडपीठ ने एकल पीठ के अंतरिम आदेश को रद कर दिया है। मामले में कहा कि याची विपक्षी 62 वर्ष की आयु पूरी करते ही सेवानिवृत्त हो जाएगा। उसे सत्रांत तक कार्य करने की अनुमति नहीं होगी। मामले के अनुसार याची विपक्षी जितेंद्र कुमार तिवारी 31 जुलाई 2021 को सेवानिवृत्त हो गए। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 28 मार्च 2022 के आदेश से सहायक लाइब्रेरियन को शैक्षिक स्टाफ मानते हुए शिक्षा सत्र 30 जून 2022 तक कार्य करने देने का अंतरिम आदेश दिया और विश्वविद्यालय से जवाब मांगा। उसे अपील में चुनौती दी गई थी।
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इसी मामले में विश्विद्यालय की तरफ से कहना था कि नियमावली के अनुसार सहायक लाइब्रेरियन शैक्षिक स्टाफ नहीं है। ऐसे में उन्हें सत्रांत तक कार्य करने देने का आदेश सही नहीं है। एकल पीठ ने अंतरिम आदेश से अंतिम राहत दे दी है। जिसे रद किया जाए, विपक्षी का कहना था कि मुख्य सचिव ने 11 मार्च 2015 को विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि लाइब्रेरियन शैक्षिक स्टाफ माना जाए, लेकिन खंडपीठ ने कहा कि सहायक लाइब्रेरियन शैक्षिक स्टाफ नहीं है। केवल शैक्षिक स्टाफ ही शिक्षा सत्र तक कार्य कर सकते हैं। बिना कोर्स या अध्ययन के लाइब्रेरियन को शैक्षिक स्टाफ नहीं माना जा सकता।
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