याचिका दायर कर बंदी रक्षक ने केन्द्रीय कारागार इटावा के अधीक्षक के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके द्वारा याची को प्रदेश सरकार के छह जुलाई 17 व 8 सितम्बर 17 के आदेशों के परिप्रेक्ष्य में कम्पलसरी रिटायरमेंट का आदेश जारी किया गया है। याची बंदीरक्षक को 9 अगस्त 2017 को कम्पलसरी रिटायरमेंट का आदेश जारी हुआ है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय गौतम ने कम्पलसरी रिटायरमेंट के आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष ऐसा कोई तथ्य अथवा पत्रजात नहीं थे जिससे यह कहा जा सके कि याची बंदीरक्षक अब सेवा के योग्य नहीं है। अधिवक्ता ने कहा कि सेवानिवृत्ति देने से पूर्व स्क्रीनिंग कमेटी ने कोई मत व्यक्त नहीं किया है तथा याची का कम्पलसरी रिटायरमेंट का आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित विभिन्न निर्णयों के प्रतिकूल है।
न्यायालय ने इस मामले में सभी विपक्षी अधिकारियों से एक माह में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार का जवाब इस मामले में इस बात को स्पष्ट करते हुए आना चाहिए कि क्या मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश 6 जुलाई 17 व 8 सितम्बर 17के अनुपालन में कोई स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कम्पसलरी रिटायरमेंट को लेकर हुआ है कि नहीं।
यदि हुआ है तो क्या याची का मामला स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखा गया था। यदि रखा गया था तो स्क्रीनिंग कमेटी ने कम्पसलरी रिटायरमेंट की संस्तुति की थी या नहीं। न्यायालय एक माह बाद इस मामले में सुनवाई करेगी।