याची अधिवक्ता का कहना है कि पंचायतराज अधिनियम की धारा 95 (1) (जी) के तहत बिना प्रक्रिया अपनाये जिलाधिकारी को ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्यवाही करने का अधिकार नहीं है। किसी ग्राम प्रधान को चुनाव याचिका दाखिल कर ही हटाया जा सकता है। बिना आरोप पत्र दिये व नियमित जांच किये ग्राम प्रधान पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती और चुनाव याचिका दाखिल के पद पर चुनाव लड़ने की योग्यता की वैधता को चुनौती दी जा सकती है। कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय माना और इस मुद्दे पर राज्य सरकार से जवाब माँगा है।
नाबालिग से छेड़छाड़ की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
हाईकोर्ट इलाहाबाद ने थाना बहादुरगढ़, हापुड़ में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में कायम आपराधिक मामले की छह हफ्ते में विवेचना पूरी कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को निष्पक्ष विवेचना की निगरानी करने को कहा है। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा तथा जस्टिस के.पी. सिंह की खण्डपीठ ने राम भूल सिंह की याचिका पर दिया है।
याची अधिवक्ता का कहना था कि लड़की से छेड़छाड़ करने के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। पुलिस से पीड़िता की चिकित्सीय जांच नहीं करायी। अभी तक एक गिरफ्तार हुआ है। पुलिस निष्पक्ष विवेचना नहीं कर रही है। इस पर कोर्ट ने एस.पी. की निगरानी में निष्पक्ष विवेचना कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी है।
By Court Correspondence
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