चौका देने वाला फैसला: 42 साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 आरोपियों को किया बरी, जानिए वजह
याची ने तहसीलदार को आपत्ति की है। जिलाधिकारी,एस डी एम करछना, एस एस पी को शिकायत की है।कोई कार्रवाई नहीं की गई।थाने में शिकायत दर्ज नहीं की गई है। बिना अनुमति मिट्टी खोदी जा रही है।हाईकोर्ट ने ‘यूपी लैंड रिकॉर्ड मैनुअल’ को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज
कोर्ट के सामने याची ने सामाजिक कार्यकर्ता और किसान के रूप में रुख किया था। उसके द्वारा यह तर्क दिया गया कि जनहित याचिका जनता के सामान्य हित के लिए यू.पी. भूमि अभिलेख नियमावली एक पुराना नियमावली है और यू.पी. राजस्व संहिता, 2006 के अनुसार नहीं है।