उन्होंने हिन्दी में काम करने की अपील की। मुख्य वक्ता अभय जी ने कहा कि दैनन्दिनी जीवन में हिन्दी का प्रयोग शुरू करने से हिन्दी स्वयं उन्नत स्थान पर होगी। हमें समान्य व्यवहार में हिंदी को स्वीकार करना होगा। कहा कि भाषा केवल संवाद का ही माध्यम नहीं संस्कृति की संवाहक है। देश संस्कृतियों से ही समृद्ध होते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मेहता ने अतिथियों का स्वागत व परिचय दिया। अध्यक्षता राकेश पाण्डेय ने की संचालन देवेन्द्र मणि तिवारी ने किया। कार्यक्रम में अधिवक्ता बी.एन.सिंह, दयाशंकर मिश्र, जे.बी.सिंह महासचिव बार एसोसिएशन व भारी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
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